Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण रोकने के उपायों पर दिल्ली सहित पांच राज्यों से मांगा हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण रोकने के उपायों पर दिल्ली सहित पांच राज्यों से हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने दिल्ली पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश और राजस्थान को निर्देश दिया है कि वे एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर बताएं कि उन्होंने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 31 Oct 2023 08:27 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि आने वाली पीढि़यों पर इसका गंभीर प्रभाव होगा। कोर्ट ने दिल्ली सहित एनसीआर के पांचों राज्यों से वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए उठाए गए कदमों पर हलफनामा मांगा है।
कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को निर्देश दिया है कि वे एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर बताएं कि उन्होंने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण में कारणों में पराली जलाना एक मुख्य मुद्दा है। कोर्ट ने मामले को सात नवंबर को फिर सुनवाई पर लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि वह निगरानी करेंगे कि क्या हो रहा है अन्यथा पूरा सीजन इसी तरह बना रहेगा।
वायु प्रदूषण के मुद्दे पर हुई सुनवाई
कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग दिल्ली एनसीआर रीजन (सीएक्यूएम) की रिपोर्ट देखने के बाद उसे भी चार्ट के रूप में और समग्र रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। ये निर्देश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान दिये।वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग दिल्ली एनसीआर रीजन ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी थी लेकिन कोर्ट ने रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि रिपोर्ट को श्रेणीवार, समग्र और चार्ट के रूप में दाखिल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने आयोग की ओर से पेश वकील से कहा कि पराली जलने के मामले में क्या हुआ और उसका क्या प्रभाव है। जमीन पर क्या हो रहा है, लगता है कि ये कदम सिर्फ कागजों पर हैं।
घर से बाहर निकलना मुश्किल
कोर्ट ने कहा कि उपाय किये जाने के बावजूद वायु प्रदूषण बना हुआ है। पीठ ने कहा कि कुछ समय पहले दिल्ली में यह सबसे अच्छा समय था और अब शहर की वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। घर से बाहर निकलना मुश्किल है। पीठ ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग दिल्ली एनसीआर रीजन से कहा कि वह समस्या शुरू होने की प्रासांगिक अवधि और वायु गुणवत्ता सूचकांक तथा खेतों में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या जैसे मापदंड़ों सहित जमीनी स्थिति बताते हुए सारी चीजें चार्ट के रूप में पेश करे।पराली जलना एक मुख्य कारण
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की लोकेशन और मौसम भी है। पराली जलना एक मुख्य कारण है। हर साल ये आती है और जाती है। मामले में सात नवंबर को फिर सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग दिल्ली एनसीआर रीजन से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी थी। जो कि आयोग ने दाखिल की थी।यह भी पढ़े: आम्रपाली के घर खरीदारों को बड़ी राहत! नोएडा, ग्रेटर नोएडा में सभी रुकी हुई आवासीय परियोजनाएं 2025 तक होगी पूरी
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