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भारतीय नौसेना की एयर स्‍क्‍वाड्रन में शामिल हुआ P8I, शानदार समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी लड़ाकू क्षमताओं से लैस ये विमान

Naval Air Squadron मंगलवार का दिन भारतीय नौसेना के लिए काफी बड़ा रहा। आज भारतीय नौसेना में वायु स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 316 में कई खूबियों से लैस पी8आई विमान को शामिल किया गया है। इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार भी मौजूद रहे।

By Mohd FaisalEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 01:07 PM (IST)
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नौसेना की एयर स्‍क्‍वाड्रन में शामिल हुआ P8I विमान (फोटो: एएनआइ)
पणजी, एएनआइ। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार वायु स्क्वाड्रन पी8आई विमान (आईएनएएस) 316 की कमीशनिंग के लिए गोवा के डाबोलिम में आईएनएस हंसा पहुंचे। इस दौरान उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में पी8आई विमान को आईएनएस हंसा में कमीशन किया गया। इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि आज की गतिशील और जटिल सुरक्षा स्थिति में इस स्क्वाड्रन की परिचालन क्षमता हमारे राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने की हमारी क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी।

क्या है पी-8 आई विमान

दरअसल, शानदार समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी लड़ाकू क्षमताओं से लैस ये विमान आपदा, राहत और मानवीय अभियानों में मदद के लिए काम आता है। पी-8आई विमानों में दो जेट इंजन हैं और इसे हवा से जहाज पर वार करने वाले मिसाइल और टोरपीडोस से लैस किया जा सकता है। INAS 316 हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में राष्ट्र के लिए किसी भी खतरे को रोकने, पता लगाने और नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

पक्षी पर रखा नाम

बता दें कि भारतीय नौसेना ने 2013 में आठ पी-81 विमानों के पहले बैच का अधिग्रहण किया था। जो आईएनएस राजाली अरक्कोनम में तैनात हैं। INAS 316 को दुनिया के सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक के बाद 'द कान्डोर्स' नाम दिया गया है। स्क्वाड्रन के प्रतीक चिन्ह में एक कोंडोर को समुद्र के नीले विस्तार की खोज करते हुए दर्शाया गया है।