India-Israel relation: 'इजरायल से तुरंत रणनीतिक संबंध खत्म करे भारत', इस मुस्लिम संगठन ने कर दी बड़ी मांग
इजरायल से सभी रणनीतिक संबंधों को खत्म करने की मांग उठी है। यह मांग ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की है। बोर्ड का कहना है कि इजरायल ने अवैध कब्जा किया है। युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं। भारत सरकार को तुरंत सभी संबंधों को खत्म कर देना चाहिए। पर्सनल लॉ बोर्ड ने इजरायल पर दबाव डालने का अनुरोध भी किया है।
एएनआई, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को एक अहम बैठक की। मीटिंग में आठ प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें से एक प्रस्ताव फिलिस्तीन-इजरायल युद्ध से जुड़ा था। पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने भारत सरकार से इजरायल के साथ सभी रणनीतिक संबंध खत्म करने की मांग की। उन्होंने सरकार से यह भी अपील की है कि युद्ध खत्म करने के लिए इजरायल पर दबाव बनाया जाए।
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इजरायल ने किया अवैध कब्जा
इलियास ने कहा कि फिलिस्तीन का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है। हमारे देश का रुख हमेशा से साफ रहा है कि हम दो राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन करते हैं। हम सभी जानते हैं कि इजरायल ने इस क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है। फिलहाल वहां युद्ध चल रहा है और हजारों लोग मारे जा चुके हैं। यह आश्चर्य की बात है कि अब भी बड़े देश इजरायल का समर्थन कर रहे हैं। बोर्ड ने इसकी निंदा की है और कहा है कि मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया भी अच्छी नहीं है।इलियास ने कहा कि बोर्ड सरकार से इजरायल के साथ रणनीतिक संबंध खत्म करने और युद्ध विराम के लिए दबाव बनाने का आग्रह करता है। हमारे देश को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। जैसा कि हमने रूस-यूक्रेन युद्ध में किया था।
उपासना स्थल का भी किया जिक्र
कासिम इलियास ने कहा, "बाबरी मस्जिद की घटना से पहले हमारे देश में उपासना स्थल अधिनियम 1991 नाम से एक कानून था। सभी लोग सोचते हैं कि बाबरी मस्जिद भारत का आखिरी धार्मिक विवाद होगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नए विवाद अब भी सामने आ रहे हैं। हम अदालत में पेश कर रहे हैं कि इन विवादों को उपासना स्थल अधिनियम के तहत नहीं माना जाना चाहिए। हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि नवीनतम विवादों में धार्मिक अधिनियम को भी शामिल किया जाए।"मॉब लिंचिंग का मुद्दा भी उठाया
इलियास ने मॉब लिंचिंग का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा, "हाल ही में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि मतदाताओं ने नफरत और दुश्मनी की भावना के खिलाफ मतदान किया है। इसके बावजूद मॉब लिंचिंग के मामलों में कमी नहीं आई है। चुनाव नतीजों के बाद मॉब लिंचिंग के 11-12 मामले सामने आ चुके हैं। ये बर्बर कृत्य कानून के शासन को कमजोर करता है। अगर किसी ने अपराध किया है तो उसे सजा देना कानून का अधिकार है।"
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