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ड्रैगन का ड्रोन भी 'किलर' के सामने टेकेगा घुटने! CH-5 Rainbow को नेस्तनाबूत करने का है दमखम

America Vs China Drone MQ-9B ड्रोन एमक्यू-9 रीपर का अपडेट वर्जन है जिसका उपयोग हेलफायर मिसाइल के एक संशोधित स्वरूप का इस्तेमाल करने में किया जाता है। एमक्यू-9बी के दो वेरिएंट हैं। जिसमें स्काई गार्डियन और सी गार्डियन शामिल हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaSat, 17 Jun 2023 12:44 AM (IST)
ड्रैगन का ड्रोन भी 'किलर' के सामने टेकेगा घुटने! CH-5 Rainbow को नेस्तनाबूत करने का है दमखम
ड्रैगन का ड्रोन भी 'किलर' के सामने होगा फिसड्डी साबित!

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। थर-थर कांपेंगे दुश्मन और भूलकर भी नहीं करेंगे पीठ पर वॉर! क्योंकि भारत ने अमेरिकी निर्मित किलर MQ-9B Drone की खरीद पर मुहर लगा दिया है। ऐसे में आज हम बात करेंगे अमेरिकी निर्मित MQ-9B Drone और चीन निर्मित रेनबो ड्रोन की कि आखिर कौन सा ड्रोन ज्यादा घातक साबित हो सकता है।

ड्रैगन को अक्सर CH-5 Rainbow Drone को लेकर गीदड़ भभकी देते हुए देखा गया है। ऐसे में आज की रिपोर्ट में हम बात करेंगे कि चीन निर्मित ड्रोन की तुलना में कितना ताकतवर है अमेरिकी निर्मित किलर ड्रोन?

किलर ड्रोन के कितने वेरिएंट हैं?

MQ-9B ड्रोन, एमक्यू-9 रीपर का अपडेट वर्जन है, जिसका उपयोग हेलफायर मिसाइल के एक संशोधित स्वरूप का इस्तेमाल करने में किया जाता है। एमक्यू-9बी के दो वेरिएंट हैं। जिसमें स्काई गार्डियन और सी गार्डियन शामिल हैं। अमेरिकी निर्मित ड्रोन के जरिए पिछले साल अलकायदा के अयमान अल जवाहिरी को नेस्तनाबूत किया गया था। हालांकि, चीन रेनबो ड्रोन को अमेरिकी ड्रोन के बराबर ही दमदार बताता रहा है।

सीएच-5 रेनबो ड्रोन की खासियत:

  • चीन निर्मित सीएच-5 रेनबो ड्रोन ने साल 2005 में पहली बार उड़ान भरी थी।
  • 900 किलोग्राम की मिसाइलों को लेकर रेनबो ड्रोन उड़ान भर सकता है।
  • यह ड्रोन 300 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
  • रेनबो ड्रोन अपने साथ 8 एआर वन लेजर गाइडेड मिसाइल ले जा सकता है।
  • ड्रोन में 8 एआर वन लेजर गाइडेड मिसाइल लगाई जा सकती है।
  • 1200 किलोग्राम पेलोड के साथ उड़ान भरने में सक्षम।
  • 10,000 किमी के दायरे में 60 घंटे तक हवा में रह सकता है ड्रोन
  • चीन निर्मित ड्रोन 9,000 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं जा सकता है। ऐसे में एंटी एयरक्राफ्ट हथियारों की जद में आने की संभावना बनी रहती है।
  • चीन ने ड्रोन की ईंधन क्षमता में करीब 30 फीसदी का किया इजाफा।
  • रेनबो ड्रोन की लंबाई लगभग 11 मीटर है।
  • निगरानी, गश्त के साथ ही सटीक लक्ष्य को भेदने में कारगर
  • चीन निर्मित सीएच-4 और सीएच-5 ड्रोन अमेरिकी ड्रोन एमक्यू-9 की कॉपी है।

किलर ड्रोन की खासियत:

  • सतह और समुद्र दोनों जगह पर सटीक निशाना लगाने में कारगर
  • यह ड्रोन 388 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से भर सकता है उड़ान
  • ड्रोन में दो लेजर गाइडेड AGM-114 हेलफायर मिसाइलें लगाई जा सकती हैं
  • किलर ड्रोन 40,000 फीट की अधिकतम ऊंचाई पर लगभग 40 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम
  • MQ-9B ड्रोन में 3600 मरीन टाइम सर्विलांस रडार और एक अन्य रडार सिस्टम मौजूद है
  • एमक्यू-9 बी का इस्तेमाल आपता राहत, एंटी-सबमरीन वारफेयर, एंटी-सरफेस वारफेयर समेत इत्यादि मिशन के लिए होगा

चकमा देने में सक्षम है किलर ड्रोन

एमक्यू-9बी ड्रोन 12 से 15 हजार मीटर की ऊंचाई तक हवा में करतक दिखाने में सक्षम है। ऐसे में वह जमीनी हमले को आसानी से भाप सकता है और उसे चकमा देने में भी उस्ताद है, जबकि मेड इन चाइना ड्रोन की बात की जाए तो वह नौ हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं जा सकता है।

बता दें कि किलर ड्रोन तीनों सशस्त्र बलों (नेवी, आर्मी और एयरफोर्स) के लिए खरीदे गए हैं, क्योंकि ये ड्रोन हर मोर्चे पर दुश्मनों का खात्मा करने में सक्षम हैं। कहा जा रहा है कि  नेवी को 14 ड्रोन, जबकि आर्मी और एयरफोर्स को आठ-आठ ड्रोन मिल सकते हैं। कुल मिलाकर 30 ड्रोन अमेरिका से लगभग तीन अरब डॉलर में खरीदे जाएंगे।