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चीन को पछाड़ भारत का सबसे बड़ा कारोबारी भागीदार बना अमेरिका, 2022-23 में 128.55 अरब डालर का हुआ कारोबार

डाटा के अनुसार 2022-23 में अमेरिका को कुल निर्यात 2.81 प्रतिशत बढ़कर 78.31 अरब डालर रहा है। 2021-22 में अमेरिका को 76.18 अरब डालर का निर्यात किया गया था। वहीं पिछले वित्त वर्ष में आयात 16 प्रतिशत बढ़कर 50.24 अरब डालर रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 16 Apr 2023 08:13 PM (IST)
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113.83 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार भारत-चीन के बीच पिछले वर्ष
नई दिल्ली, पीटीआई। आर्थिक समझौतों में वृद्धि की बदौलत वित्त वर्ष 2022-23 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कारोबारी भागीदार के रूप में उभरा है। वाणिज्य मंत्रालय के प्रारंभिक डाटा के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार 7.65 प्रतिशत बढ़कर 128.55 अरब डालर रहा है। दोनों देशों के बीच 2021-22 में 119.5 अरब डालर और 2020-21 में 80.51 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था।

अमेरिका को कुल निर्यात

डाटा के अनुसार, 2022-23 में अमेरिका को कुल निर्यात 2.81 प्रतिशत बढ़कर 78.31 अरब डालर रहा है। 2021-22 में अमेरिका को 76.18 अरब डालर का निर्यात किया गया था। वहीं, पिछले वित्त वर्ष में आयात 16 प्रतिशत बढ़कर 50.24 अरब डालर रहा है। दूसरी ओर, 2022-23 में चीन के साथ द्विपक्षीय कारोबार 1.5 प्रतिशत घटकर 113.83 अरब डालर रहा है। 2021-22 में भारत और चीन के बीच 115.42 अरब डालर का कारोबार हुआ था।

चीन के साथ व्यापार घाटा

इस अवधि में चीन को निर्यात 28 प्रतिशत बढ़कर 15.32 अरब डालर रहा है, जबकि आयात 4.16 प्रतिशत बढ़कर 98.51 अरब डालर रहा है। चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 83.12 अरब डालर रहा है, जो 2021-22 में 72.91 अरब डालर था।विशेषज्ञों ने भरोसा जताया है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय कारोबार में आने वाले वर्षों में और वृद्धि होगी।

इसका कारण यह है कि दोनों देश आर्थिक समझौतों को मजबूत करने में जुटे हैं। भारतीय निर्यात संघ (फियो) के प्रेसिडेंट ए शक्तिविल का कहना है कि अमेरिका को फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग और जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। इससे कुल निर्यात में वृद्धि रही है।