धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका ने उठाई उंगली, भारत ने कहा- अपने गिरेबान में झांकें
यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट को विशेषज्ञ इसी नजर से देख रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 के दौरान भारत के कई हिस्सों में धार्मिक नेताओं को मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया गया है स्वघोषित कट्टर समूहों ने मॉब-लिंचिंग की है धार्मिक स्थलों को गिराया गया है। इस तरह की घटनाओं से धार्मिक स्वतंत्रता का काफी उल्लंघन होता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका ने एक बार फिर भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर सवाल उठाया है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता जताते हुए परोक्ष तौर पर भारत के खिलाफ उठाये जाने वाले कदमों के बारे में भी बताया गया है।
भारत पर दबाव बनाने की रणनीति
यह रिपोर्ट विदेश मंत्री एस जयशंकर की वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच हुई द्विपक्षीय आधिकारिक बैठक के कुछ ही घंटे के बाद जारी की गई है। जानकार इस मध्यावधि रिपोर्ट, इसकी भाषा और समय (जब भारतीय विदेश मंत्री अमेरिका में है) को लेकर हाल के महीनों में भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देख रहे हैं।
अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी
वहीं भारत ने सख्ती से जबाव देते हुए कहा कि पक्षपाती और राजनीतिक एजेंडा चलाने की बजाय इस संगठन को अमेरिका में मानवाधिकार के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। एक तरफ अमेरिका भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर रहा है लेकिन साथ ही रूस पर तेल खरीदने, खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की कथित साजिश व धार्मिक आजादी जैसे मुद्दे पर दबाव भी बनाने की कोशिश करता रहा है।यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट
यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में नफरती भाषणों, गलत सूचनाओं के प्रसार और सरकारी अधिकारियों की तरफ से धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ उकसाने के मामलों का भी जिक्र है। इसने वर्ष 2024 की यूएससीआईआरएफ की सालाना रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय को भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की खराब स्थिति के संदर्भ में दी गई सिफारिशों का भी जिक्र किया गया है।