निज्जर विवाद पर कनाडा के साथ अमेरिका, जयशंकर पहुंचे न्यूयार्क; विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से की मुलाकात
विदेश मंत्री की शुक्रवार को क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन के साथ मुलाकात हुई है। एनएसए सुलिवान ने कहा कि “जब पीएम ट्रुडो की तरफ से सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया गया तभी अमेरिका ने इस पर गंभीर चिंता का इजहार किया है। वहीं जयशंकर 27 से 30 सितंबर तक वाशिंगटन में रहेंगे जहां उनकी बाइडन प्रशासन के अधिकारियों से बात होगी।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Fri, 22 Sep 2023 11:24 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद में अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह पूरी तरह से कनाडा के साथ है। अमेरिका ने इस मामले में कनाडा के साथ किसी भी तरह के विवाद को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह चाहता है कि जो भी अपराधी हैं उन पर कार्रवाई हो।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एंटोनी ब्लिंकेन से की मुलाकात
अमेरिका के एनएसए जैक सुलिवान ने कनाडा के समर्थन में दिए गए इस बयान के साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि पीएम जस्टिन ट्रुडो की तरफ से लगाये गये आरोपों को लेकर अमेरिका भारत के भी संपर्क में है।
अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाईट हाउस में एक प्रेस कांफ्रेंस में सुलिवान ने हालांकि भारत की तुलना रूस या चीन से करने के सुझावों को एक सिरे से ठुकरा दिया। सुलियन के इस बयान के आने के कुछ ही देर बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका पहुंचे हैं। विदेश मंत्री का यह दौरा पूर्वनियोजित था।
विदेश मंत्री की शुक्रवार को क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन के साथ मुलाकात भी हुई है। एनएसए सुलिवान ने कहा कि, “जब पीएम ट्रुडो की तरफ से सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया गया तभी अमेरिका ने इस पर गंभीर चिंता का इजहार किया है और उन्हें इस बात के लिए समर्थन दिया है कि इस प्रकरण की जांच की जानी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
हम लगातार अपने कनाडाई सहयोगियों के साथ संपर्क में है। जो भी कोशिश वो जांच में कर रहे हैं हम उसका समर्थन कर रहे हैं, सहयोग कर रहे हैं। हम लगातार भारत के भी संपर्क में है। यहां मैं यह भी स्पष्ट करना चाहूंगा कि कुछ मीडिया में यह खबर आई है कि इस प्रकरण को लेकर अमेरिका व कनाडा में मतभेद है जो पूरी तरह से आधारहीन है।''
इसके बाद अमेरिकी एनएसए से पूछा गया कि इस तरह के मामले में अमेरिका का रवैया रूस को लेकर अलग होता है लेकिन जब चीन या भारत ऐसा करते हैं तो बदल जाता है, क्या वजह है? इस पर उनका जबाव था कि, भारत रूस नहीं है और ना ही चीन है।ये भी पढ़ें: कौन है आतंकी हरदीप सिंह निज्जर, जिसके समर्थन में कनाडा के पीएम ने दिया बेतुका बयान
हर देश की अपनी चुनौतियां हैं और अमेरिका उनकी उस स्थिति के मुताबिक ही बात करता है। यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडा विवाद से भारत व अमेरिका के रिश्ते खराब हो सकते हैं तो उन्होंने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।