अमेरिकी-रूसी विदेश मंत्रियों की मुलाकात, ब्लिंकन बोले- यूक्रेन के समर्थन से पीछे नहीं हटेगा अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की गुरुवार को नई दिल्ली में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से संक्षिप्त मुलाकात की। अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी कि समूह 20 वार्ताओं के दौरान ब्लिंकन ने लावरोव के साथ 10 मिनट से भी कम समय के लिए मुलाकात की। Photo- ANI
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 02 Mar 2023 07:34 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की गुरुवार को नई दिल्ली में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से संक्षिप्त मुलाकात की। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद इन दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस पहली मुलाकात के दौरान ब्लिंकन ने साफ किया कि अमेरिका यूक्रेन की सहायता करने से पीछे नहीं हटेगा।
ब्लिंकन ने लावरोव से की मुलाकात
अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी कि समूह 20 वार्ताओं के दौरान ब्लिंकन ने लावरोव के साथ 10 मिनट से भी कम समय के लिए मुलाकात की। हालांकि, इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि अमेरिकी विदेश मंत्री, रूसी या चीनी विदेश मंत्रियों से मुलाकात नहीं करेंगे।
जेलेंस्की की मांगों के आधार पर यूक्रेन से बातचीत का आग्रह
अमेरिका के सरकारी अधिकारियों का कहना है कि रूसी या चीनी विदेश मंत्रियों से मुलाकात नहीं करने की घोषणा के बावजूद, उन्होंने रूसी विदेश मंत्री से इसलिए मुलाकात की ताकि वह रूस से सीधे बातचीत करके साफ कर दें कि यूक्रेन के अमेरिकी समर्थन में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने रूस से यह भी आग्रह किया कि रूस यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की द्वारा रखी गई मांगों के आधार पर यूक्रेन से बातचीत करें।रूस को दी यूक्रेन से बातचीत करने की सलाह
अमेरिका ने यह भी उम्मीद जताई कि रूस हमले की कार्रवाई से पीछे हटेगा और क्षेत्र में न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए कूटनीतिक प्रक्रिया का सहारा लेगा। हालांकि, अमेरिका को लगता है कि इस सब चीजों में काफी वक्त लगेगा और यह काम जल्दी नहीं होने वाला है।
न्यू स्टार्ट को बरकरार रखने का अनुरोध
ब्लिंकन ने रूस से आग्रह किया कि 2018 से हिरासत में लिए गए पूर्व अमेरिकी सैनिक पॉल व्हेलन को मुक्त किया जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि रूस दोनों देशों के बीच परमाणु हथियार नियंत्रण समझौते न्यू स्टार्ट (New START) परमाणु संधि को स्थगित करने के अपने हालिया फैसले को वापस ले।ब्लिंकन के अनुसार, यह संधि दोनों देशों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है, क्योंकि दुनिया उम्मीद करती है कि जब परमाणु सुरक्षा की बात आती है तो हम जिम्मेदारी से व्यवहार करें।