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गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से अपना बस्ता बांध लिया, सोनिया के राजस्थान से राज्यसभा नामांकन पर BJP का तंज

गौरव भाटिया ने कहा है कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 80 में से केवल एक सीट मिली थी। जहां राहुल गांधी अपनी पुश्तैनी अमेठी सीट से हार गए थेम वहीं सोनिया गांधी रायबरेली से जीत सकी थीं। राहुल गांधी को पहले से ही पता था कि वह नहीं जीतेंगे इसलिए उन्होंने केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ा था जहां से जीतकर वह संसद पहुंचे।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 14 Feb 2024 05:48 PM (IST)
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गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से अपना बस्ता बांध लिया: भाजपा (File Photo)
एजेंसी, नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा चुनाव के लिए आज राजस्थान से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। सोनिया गांधी के राजस्थान से नामांकन पत्र दाखिल करने पर भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा तंज कसा है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है कि उत्तर प्रदेश कभी गांधी परिवार का गढ़ हुआ करता था, लेकिन अब गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से अपना बस्ता बांध लिया है। कांग्रेस को पता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इन्हें 80 में से जीरो सीटें मिलेंगी।

कांग्रेस ने अपना बस्ता बांध लिया

गौरव भाटिया ने कहा है कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 80 में से केवल एक सीट मिली थी। जहां राहुल गांधी अपनी पुश्तैनी अमेठी सीट से हार गए थेम, वहीं सोनिया गांधी रायबरेली से जीत सकी थीं। राहुल गांधी को पहले से ही पता था कि वह नहीं जीतेंगे इसलिए उन्होंने केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ा था, जहां से जीतकर वह संसद पहुंचे। अमेठी में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने हराया था। इस बार उन्हें अपनी हार का अंदेशा पहले से ही हो चुका है। इसलिए गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से अपना बस्ता बांध लिया है।

कांग्रेस की करारी हार

वहीं भाजपा आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने भी सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा चुनाव नामांकन पत्र दाखिल करने पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है। अमेठी में कांग्रेस की करारी हार के बाद, रायबरेली का नंबर था। सोनिया गांधी का राज्यसभा में जाने का निर्णय रायबरेली की हार स्वीकारना है।

कांग्रेस को यूपी में कोई सीट नहीं मिलेगी

अमित मालवीय ने कहा कि गांधी परिवार ने अब अपने "हर गढ़" को छोड़ दिया है, क्योंकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पारिवारिक क्षेत्र रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाय राज्यसभा का रास्ता अपनाने का फैसला किया है। सपा (समाजवादी पार्टी) द्वारा 11 सीटों की पेशकश के बावजूद, कांग्रेस को यूपी में कोई सीट नहीं मिलेगी।

यहां मिल सकती है कांग्रेस को एक सीट

राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों में से एक पर कांग्रेस आसानी से जीत हासिल कर सकती है, जिसके लिए चुनाव होंगे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अप्रैल में छह साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह सीट खाली हो जाएगी।

नामांकन के समय राहुल भी रहे मौजूद

विधानसभा भवन में नामांकन दाखिल करने के समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा और विपक्ष के नेता टीकाराम जूली मौजूद थे।

उच्च सदन में यह सोनिया गांधी का पहला कार्यकाल

लोकसभा सांसद के रूप में पांच कार्यकाल पूरा करने के बाद उच्च सदन में यह सोनिया गांधी का पहला कार्यकाल होगा। सोनिया गांधी रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद 1999 में पहली बार वहां से सांसद चुनी गई थीं। सोनिया गांधी ने 2019 में घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी लोकसभा चुनाव होगा। वह पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के बाद राज्यसभा में प्रवेश करने वाली गांधी परिवार की दूसरी सदस्य होंगी।

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