आतंकी पन्नू को लेकर अमेरिका और कनाडा के साथ तनातनी के बीच इंटरपोल में भारत की खरी-खरी, कहा- अपराधियों के लिए कहीं न हो सुरक्षित पनाह
घोषित आतंकी और खालिस्तानी संगठन जस्टिस फॉर सिख के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अमेरिका और कनाडा के साथ चल रही तनातनी के बीच भारत ने इंटरपोल में सदस्य देशों को खरी-खरी सुनाई। भारत ने आतंकियों ड्रग तस्करों अपराधियों मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों साइबर अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने और इसके लिए इंटरपोल के देशों में बेहतर समन्वय की जरूरत पर बल दिया।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 01 Dec 2023 07:51 PM (IST)
नीलू रंजन, नई दिल्ली। घोषित आतंकी और खालिस्तानी संगठन जस्टिस फॉर सिख के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अमेरिका और कनाडा के साथ चल रही तनातनी के बीच भारत ने इंटरपोल में सदस्य देशों को खरी-खरी सुनाई। इंटरपोल के 100वीं महासभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने एक बार फिर साफ किया कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ दुनिया में कोई भी सुरक्षित पनाह (सेफ हैवेन) नहीं होनी चाहिए।
भारत ने इंटरपोल में सदस्य देशों को सुनाई खरी-खरी
भारत ने आतंकियों, ड्रग तस्करों, अपराधियों, मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों, साइबर अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने और इसके लिए इंटरपोल के देशों में बेहतर समन्वय की जरूरत पर बल दिया। ध्यान देने की बात है कि भारत के अनुरोध के बावजूद वांछित पन्नू के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से मना कर दिया था और अमेरिका व कनाडा उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित नहीं कर रहा है।
यह भी पढ़ेंः 'पन्नू हत्या मामले में US कोर्ट में भारतीय का नाम आना चिंताजनक', मामले की उच्च स्तरीय समिति से जांच कराएगा विदेश मंत्रालय
इंटरपोल की महासभा में प्रतिनिधिमंडल ने रखा भारत का पक्ष
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, भारत की ओर से सीबीआइ निदेशक प्रवीण सूद और एनआइए निदेशक दिनकर गुप्ता समेत पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इंटरपोल की महासभा में भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि संगठित अपराधी और आतंकी किसी देश की सीमा तक सीमित नहीं है और वे दूसरे देशों में रहकर भी अपराध को अंजाम देते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी देशों में बेहतर समन्वय की जरूरत है। ताकि किसी एक देश में वांछित अपराधी लंबे समय तक दूसरे देश में कानून की आड़ में कार्रवाई से बचने में सफल नहीं हो पाए।
ध्यान देने की बात है कि पिछले साल अक्टूबर में हुई इंटरपोल की 99वीं आमसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकियों और अपराधियों के लिए दुनिया में कहीं सुरक्षित पनाहगाह नहीं होने पर बल दिया था।
इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से किया था मना
मालूम हो कि भारत में कई मामलों में वांछित आतंकी पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से दो बार अनुरोध किया जा चुका है। लेकिन इंटरपोल ने पन्नू की गतिविधियों को राजनीतिक बताते हुए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से मना कर दिया था। इसी तरह से कनाडा और अमेरिका भी पन्नू के भारत विरोधी आतंकी और हिंसक गतिविधियों की जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यही नहीं, अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय एजेंसी की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए एक भारतीय को गिरफ्तार भी किया है।
यह भी पढ़ेंः वांछित खालिस्तानी आतंकी करणवीर के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी, आतंकवादी सदस्य होने सहित कई मामले हैं दर्ज