आतंकी पन्नू को लेकर अमेरिका और कनाडा के साथ तनातनी के बीच इंटरपोल में भारत की खरी-खरी, कहा- अपराधियों के लिए कहीं न हो सुरक्षित पनाह
घोषित आतंकी और खालिस्तानी संगठन जस्टिस फॉर सिख के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अमेरिका और कनाडा के साथ चल रही तनातनी के बीच भारत ने इंटरपोल में सदस्य देशों को खरी-खरी सुनाई। भारत ने आतंकियों ड्रग तस्करों अपराधियों मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों साइबर अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने और इसके लिए इंटरपोल के देशों में बेहतर समन्वय की जरूरत पर बल दिया।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। घोषित आतंकी और खालिस्तानी संगठन जस्टिस फॉर सिख के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अमेरिका और कनाडा के साथ चल रही तनातनी के बीच भारत ने इंटरपोल में सदस्य देशों को खरी-खरी सुनाई। इंटरपोल के 100वीं महासभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने एक बार फिर साफ किया कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ दुनिया में कोई भी सुरक्षित पनाह (सेफ हैवेन) नहीं होनी चाहिए।
भारत ने इंटरपोल में सदस्य देशों को सुनाई खरी-खरी
भारत ने आतंकियों, ड्रग तस्करों, अपराधियों, मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों, साइबर अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने और इसके लिए इंटरपोल के देशों में बेहतर समन्वय की जरूरत पर बल दिया। ध्यान देने की बात है कि भारत के अनुरोध के बावजूद वांछित पन्नू के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से मना कर दिया था और अमेरिका व कनाडा उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित नहीं कर रहा है।
इंटरपोल की महासभा में प्रतिनिधिमंडल ने रखा भारत का पक्ष
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, भारत की ओर से सीबीआइ निदेशक प्रवीण सूद और एनआइए निदेशक दिनकर गुप्ता समेत पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इंटरपोल की महासभा में भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि संगठित अपराधी और आतंकी किसी देश की सीमा तक सीमित नहीं है और वे दूसरे देशों में रहकर भी अपराध को अंजाम देते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी देशों में बेहतर समन्वय की जरूरत है। ताकि किसी एक देश में वांछित अपराधी लंबे समय तक दूसरे देश में कानून की आड़ में कार्रवाई से बचने में सफल नहीं हो पाए।
ध्यान देने की बात है कि पिछले साल अक्टूबर में हुई इंटरपोल की 99वीं आमसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकियों और अपराधियों के लिए दुनिया में कहीं सुरक्षित पनाहगाह नहीं होने पर बल दिया था।
इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से किया था मना
मालूम हो कि भारत में कई मामलों में वांछित आतंकी पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से दो बार अनुरोध किया जा चुका है। लेकिन इंटरपोल ने पन्नू की गतिविधियों को राजनीतिक बताते हुए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से मना कर दिया था। इसी तरह से कनाडा और अमेरिका भी पन्नू के भारत विरोधी आतंकी और हिंसक गतिविधियों की जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यही नहीं, अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय एजेंसी की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए एक भारतीय को गिरफ्तार भी किया है।
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भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कई देशों के साथ किया द्विपक्षीय वार्ता
वहीं, कनाडा भी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय एजेंसियों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, यूएई समेत कई देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर इंटरपोल के मार्फत अपराधियों और आतंकियों की जानकारी के आदान-प्रदान के बेहतर प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया, ताकि साझा कानूनी सहयोग और प्रत्यर्पण के अनुरोध पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
भारत ने तैयार की 184 वांछित अपराधियों की सूची
भारत ने विभिन्न देशों में 184 वांछित अपराधियों की सूची तैयार की है और संबंधित देशों से उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस सूची में पन्नू का भी नाम है। ध्यान देने की बात है कि इस साल भारत 24 अपराधियों को भारत वापस लाने में सफल रहा है।