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अरुणाचल प्रदेश में गरजे अमित शाह, बोले- सूई की नोक के बराबर जमीन अब कोई ले नहीं सकता

अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबिथू में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि सेना और आईटीबीपी कर्मियों की वीरता यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी भारत की एक इंच जमीन का भी अतिक्रमण नहीं कर सकता है।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Mon, 10 Apr 2023 07:41 PM (IST)
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देश के गृह मंत्री अमित शाह की फाइल फोटो।
नीलू रंजन, किबिथू। अरुणाचल प्रदेश।चीन से सटी अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया कि भारत की ओर बुरी नजर से देखने के दिन लद गए और अब कोई एक भी इंच जमीन पर अतिक्रमण नहीं कर सकता है।

अमित शाह ने सीमा से सटे गांव काहो को अब देश के आखिरी गांव के बजाय पहला गांव करार दिया। इस दौरे से जहां चीन को संकेत दिया गया कि भारत किसी दबाव में रहने वाला नहीं है। वहीं विपक्षी दलों की अब तक की 12 सरकारों पर भी निशाना साधा और कहा कि बार्डर इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो 12 सरकारें नहीं कर सकीं, वह नरेन्द्र मोदी सरकार ने दो कार्यकाल में ही कर दिया।

इस सीमावर्ती इलाक़े का दौरा करने वाले देश के पहले गृहमंत्री बने शाह

अरुणाचल प्रदेश का नामकरण भगवान परशुराम द्वारा किये जाने का उल्लेख कर अमित शाह ने चीन को स्पष्ट संदेश दे दिया कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है और भारत की धरती पर सूर्य की पहली किरण यहीं पड़ती है।

उन्होंने कहा कि मन की दूरियों की वजह से काहो गांव को भारत का अंतिम गांव कहा जाता था। लेकिन मोदी सरकार ने इस दूरी को मिटाते हुए इस गांव को देश के पहले गांव की संज्ञा दी है।अमित शाह इस सीमावर्ती इलाक़े का दौरा करने वाले देश के पहले गृहमंत्री हैं।

सीमाओं की सुरक्षा ही देश की सुरक्षा: अमित शाह

यही नहीं, दौरे को लेकर चीन की आपत्ति को दरकिनार करते हुए रात को भी इसी गांव में रुकने फ़ैसला किया।सीमावर्ती इलाक़ों के विकास की अब तक की गई अनदेखी को देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताते हुए अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार इसे सुधारने की कोशिश में जुटी है।

उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा ही देश की सुरक्षा है और मोदी सरकार इसे सुनिश्चित करने का काम कर रही है। किबिथू, काहो, मिसई समेत पांच गांवों में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि इससे इन गांवों को स्वावलंबी बनाने के साथ ही यहां से विस्थापन की समस्या पर भी अंकुश लगेगा।

माइक्रो पनबिजली परियोजनाओं का हुआ उद्घाटन

यहीं नहीं, इससे बेहतर भविष्य की आस में शहरों की ओर विस्थापन कर चुके युवा भी वापस अपने गांव की ओर लौटने की सोच सकते हैं। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चीन की सीमा से सटे अरुणाचल, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल और लद्दाख के कुल 2967 गांवों में विभिन्न सुविधाओं का विकास करना है। पहले चरण में 662 गांवों को चुना गया है, जिनमें 455 गांव अरुणाचल प्रदेश के हैं।इसके साथ ही अमित शाह ने नौ माइक्रो पनबिजली परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।

10 मेगावाट से 100 मेगावाट की ये सूक्ष्म पनबिजली परियोजनाओं की मदद से सीमावर्ती इलाके के दूरदराज के गांवों में बिजली पहुंचाने में मदद मिलेगी। इन नौ परियोजनाओं से 25 गांवों में रहने वाले पांच हजार लोगों तक बिजली की अबाध आपूर्ति होगी। इसके साथ ही इलाक़े में तैनात आइटीबीपी और सेना को भी इससे बिजली आपूर्ति हो सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने देश के विभिन्न हिस्से में आइटीबीपी की परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।