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दो दिन में 750 अधिकारी मिलकर तैयार करेंगे राष्ट्रीय सुरक्षा का रोडमैप, अमित शाह ने किया सम्मेलन का उद्घाटन

राष्ट्रीय सुरक्षा की उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए नेशनल सेक्योरिटी स्ट्रेटिजीज कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन गृह मंत्री अमित शाह ने किया। दो दिन तक फिजीकल और वर्जुअल दोनों मोड में चलने वाले सम्मेलन में 750 अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं जो रोडमैप तैयार करने का काम करेंगे।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 13 Sep 2024 10:27 PM (IST)
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अमित शाह ने किया 7वें राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन-2024 का उद्घाटन। (Photo- ANI)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा की उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए नेशनल सेक्योरिटी स्ट्रेटिजीज कांफ्रेंस का उद्घाटन किया। सम्मेलन में सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सुरक्षा से जुड़े अत्याधुनिक तकनीक (कटिंग एज टेक्नोलाजी) पर काम करने वाले युवा पुलिस अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।

दो दिन तक फिजीकल और वर्जुअल दोनों मोड में चलने वाले सम्मेलन में 750 अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार तेजी से बदलती तकनीक के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां भी बदल रही हैं और इसके अनुरूप सुरक्षा एजेंसियों को तैयार करना जरूरी है।

पीएम मोदी ने दिया था सुझाव

इसे देखते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलिस महानिदेशकों के सालाना सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी भविष्य की चुनौतियों की पहचान करने और उनसे निपटने का रोडमैप तैयार करने के लिए हाईब्रिड मोड में नेशनल सेक्यूरिटी स्ट्रेटिजीज कांफ्रेंस का सुझाव दिया था, जिसमें पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए।

गृह मंत्री ने डैशबोर्ड का भी किया उद्घाटन

सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर अमित शाह ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा तैयार किये गए डैशबोर्ड का शुभारंभ किया। इस डैशबोर्ड को पुलिस महानिदेशकों के सालाना कांफ्रेंस में लिए गए फैसलों की अलम पर रियल टाइम जानकारी के लिए बनाया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इन फैसलों को कितना-कितना अमल किया जा सका है, पूरी जानकारी इस डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगी। इसमें सालों से अमल में नहीं लाये जा सके फैसलों की भी जानकारी होगी।