सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में वाइब्रेंट विलेज से शाह देंगे चीन को संदेश, विभिन्न योजनाओं का करेंगे उद्घाटन
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार शरारतपूर्ण हरकतों से बाज नहीं आ रहे चीन को गृहमंत्री अमित शाह अपने अरुणाचल प्रदेश दौरे के दौरान सीमावर्ती गांवों के विकास की नई डगर की शुरूआत कर बीजिंग को स्पष्ट संदेश देंगे। File Photo
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 08 Apr 2023 08:33 PM (IST)
नीलू रंजन, नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार शरारतपूर्ण हरकतों से बाज नहीं आ रहे चीन को गृहमंत्री अमित शाह अपने अरुणाचल प्रदेश दौरे के दौरान सीमावर्ती गांवों के विकास की नई डगर की शुरूआत कर बीजिंग को स्पष्ट संदेश देंगे। अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटी सीमा के गांव किबितू में सोमवार को गृहमंत्री वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लॉन्च कर अरुणाचल के भारत का अभिन्न हिस्सा होने का दो टूक संदेश देंगे।
अमित शाह का अरुणाचल प्रदेश का दौरा
अरुणाचल के 11 स्थानों का नाम अपने हिसाब से बदलने की चीन की हरकत के पांच दिन बाद ही अमित शाह के यहां हो रहे दौरे के अपने रणनीतिक मायने हैं। अमित शाह किबितू गांव में सीमा क्षेत्र के गांवों के लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने की विकास योजनाओं को लांच करने के साथ ही शाह इन इलाकों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नौ माइक्रो पन बिजली परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।
सीमावर्ती इलाकों में निगरानी तंत्र को मिलेगी मजबूती
इन योजनाओं के क्रियान्वयन से न सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में निगरानी तंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे का खोखलापन और भी अधिक उजागर होगा। अरुणाचल से लेकर लद्दाख तक एलएसी पर उकसावे की हरकतें करता रहे चीन ने अभी इसी हफ्ते अरुणाचल के 11 स्थानों का नाम बदलकर अपना दावा जताने की हरकत की थी, लेकिन भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए न केवल चीन की इस हरकत को खारिज कर दिया था, बल्कि यह दो टूक दोहराया दिया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है।भारत के इस कड़े रूख पर चीन की तिलमिलाहट भी सामने आयी। जाहिर तौर पर एलएसी पर चल रही तनातनी के लंबे दौर में सामने आयी ताजा कड़वाहट के तत्काल बाद गृहमंत्री शाह का अरुणाचल दौरा चीन को स्पष्ट संदेश है कि सूबे की सुरक्षा और विकास भारत की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
केंद्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं पर होगा काम
गृह मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार ने 2022-23 से 2025-26 के बीच 4800 करोड़ रुपये की लागत से चीन से सटी सीमा पर 2967 गावों में सड़क मार्गों से जोड़ने के साथ ही अन्य सुविधाओं के विकास का फैसला किया है। ये गांव अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के 19 जिलों के 46 ब्लाक में फैले हैं। सड़क संपर्क नहीं होने और अन्य जरूरी सुविधाओं के अभाव में इन सीमावर्ती गांवों से लोग पलायन को मजबूर हो रहे थे।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना से इन गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार व अन्य जरूरी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। वाइब्रेंट विलेज प्रोगाम को लांच करने और माइक्रो पनबिजली परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ ही अमित शाह चीन से सटी सीमा की निगरानी के तैनात आईटीबीपी के जवानों के साथ संवाद भी करेंगे। इसके अलावा वे 1962 में चीन के लड़ाई में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाए गए वालोंग युद्ध स्मारक पर श्रद्धा सुमन भी अर्पित करेंगे।