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गोमांस पर देश भर में रोक नहीं, जनभावनाओंं का रखा जाएगा ख्याल

गोमांस पर देश भर में प्रतिबंध लगाने की बात भाजपा ने खारिज कर दी है। पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस पर जनता की भावनाओं का ध्यान रखते हुए राज्यों को फैसला लेना है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 28 May 2015 06:39 PM (IST)
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पणजी। गोमांस पर देश भर में प्रतिबंध लगाने की बात भाजपा ने खारिज कर दी है। पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस पर जनता की भावनाओं का ध्यान रखते हुए राज्यों को फैसला लेना है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जहां भी भाजपा की सरकार है वहां गोमांस पर प्रतिबंध लगाने से पहले हमलोग जनता की भावनाओं का ध्यान रखेंगे। हमने यह नहीं कहा है कि हम लोग देश भर में गोमांस पर प्रतिबंध लगाएंगे। महाराष्ट्र और हरियाणा की भाजपा सरकार ने गोमांस पर प्रतिबंध लगाया है। शाह ने स्पष्ट किया कि पार्टी अपने शासन वाले उन सभी राज्यों में इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए जोर नहीं दे रही है। इसे वहां की सरकारों पर छोड़ दिया है कि जनता की राय को ध्यान में रखकर निर्णय लें। गोवा में गोकशी पर प्रतिबंध बढ़ाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वहां के लोगों से चर्चा करने के बाद ही गोवा सरकार निर्णय लेगी।

मोदी सरकार ने शीर्ष स्तर पर राजनीतिक भ्रष्टाचार किया खत्म

भाजपा अध्यक्ष ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शीर्ष कार्यालय में राजनीतिक भ्रष्टाचार को खत्म किया। उन्होंने कहा कि सच यह है कि विपक्ष पिछले एक साल में एक भी घोटाला नहीं दिखा पाया जो दर्शाता है कि मोदी एक भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का नेतृत्व करते हैं।

संप्रग सरकार में था विश्वास का संकट

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय में जनता के विश्वास को बहाल किया। साथ ही संप्रग शासन के दौरान संविधानेतर शक्तियों के कारण जो विश्वास का संकट था उससे देश को राहत दिलाई। संप्रग शासन के दौरान मंत्रिमंडल, नौकरशाही और जनता का तत्कालीन प्रधानमंत्री में विश्वास नहीं था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सबका भरोसा है। शाह ने आरोप लगाया कि संप्रग शासन के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए।

बिहार में भाजपा अच्छी स्थिति में

बिहार में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले शाह ने कहा कि वहां भाजपा अच्छी स्थिति में है। हालांकि भाजपा से मुकाबला करने के लिए पुराने प्रतिद्वंद्वी नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने हाथ मिला लिया है। 25 साल से लालू और नीतीश एक दूसरे के खिलाफ काम करते रहे हैं लेकिन अब वहां भाजपा मजबूत है इसलिए इसका मुकाबला करने के लिए उनके पास और कोई विकल्प नहीं है और वे साथ हो गए हैं।

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