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Parliament: सहारा समूह के जमाकर्ताओं को अब तक दिए गए 362 करोड़, अमित शाह बोले- कागज रहित है पूरी प्रक्रिया

सहारा में अपनी जमा पूंजी लगाने वाले जमाकर्ताओं अब अपना पैसा वापस मिल रहा है। अमित शाह ने संसद में बताया कि 4.2 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को 362.91 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जांच कर और जमा राशि का प्रमाण प्रस्तुत करने पर पारदर्शी तरीके से धनराशि वापस की जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 25 Jul 2024 05:30 AM (IST)
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सहारा समूह के जमाकर्ताओं को अब तक दिए गए 362 करोड़
पीटीआई, नई दिल्ली। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद को बताया कि इस साल 16 जुलाई तक सहारा समूह की सहकारी समितियों के 4.2 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को 362.91 करोड़ रुपये दिए गए हैं। शाह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से इसे आसान बनाया गया है, जिसे 29 मार्च, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य जमाकर्ताओं को उनके धन को पुन: प्राप्त करने में सहायता करना था।

वर्तमान में, आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से जांच के बाद जमाकर्ता को केवल 10,000 रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जांच कर और जमा राशि का प्रमाण प्रस्तुत करने पर पारदर्शी तरीके से धनराशि वापस की जा रहा है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण प्रक्रिया डिजिटल और कागज रहित है, जिसकी देखरेख सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल कर रहे हैं।

चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों पर जीएनएसएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू होगा : गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य सभा में बताया कि सड़क मंत्रालय ने फास्टैग के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में पायलट आधार पर चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों पर वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस)-आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है।

एक लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस सुविधा को बेंगलुरु-मैसूरु खंड राष्ट्रीय राजमार्ग-275 और पानीपत-हिसार खंड राष्ट्रीय राजमार्ग-709 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग-71ए) पर पायलट आधार पर लागू किया जाएगा। जीएनएसएस, जीपीएस और ग्लोनास जैसी उपग्रह-आधारित नेविगेशन प्रणालियों के लिए एकसाथ में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।

सीएपीएफ, असम राइफल्स में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण: सरकार

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में बताया कि सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियां आरक्षित करने का निर्णय लिया है। अधिकतम आयु सीमा में छूट का प्रविधान किया गया है।

नित्यानंद राय ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा कि पूर्व अग्निवीरों के लिए सीएपीएफ और असम राइफल्स में कांस्टेबल और राइफलमैन के पद पर भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा से भी छूट दी जाएगी। राय ने कहा कि मंत्रालय संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग और संबंधित बलों के माध्यम से रिक्तियों को शीघ्रता से भरने के लिए गंभीर कदम उठाता रहा है और उठाता रहेगा।

साइबर अपराध मामलों में 2,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत : राय

वित्तीय धोखाधड़ी और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए स्थापित 'नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली' के माध्यम से 7.6 लाख से अधिक साइबर अपराध मामलों में 2,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की गई है। एक लिखित प्रश्न के उत्तर में गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी के माध्यम से धन की हेराफेरी को तुरंत रिपोर्ट करने और रोकने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र 14ष्ट के तहत 2021 में इस प्रणाली को शुरू की गई थी।

तस्करी मामले डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल से जुड़े के 92 मामले दर्ज: सरकार

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने पिछले पांच वर्षों में मादक पदार्थों की तस्करी में डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल से संबंधित 92 मामले दर्ज किए हैं। एक लिखित सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के लिए डार्कनेट, क्रिप्टोकरेंसी और पार्सल और कोरियर का इस्तेमाल देखा गया है। आंकड़ों के अनुसार, ब्यूरो ने 2020 में तीन, 2021 में 49, 2022 में आठ, 2023 में 21 और इस साल अप्रैल तक 11 ऐसे मामले दर्ज किए। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी में पार्सल और कूरियर से जुड़े 1,025 मामले दर्ज किए गए हैं।