'पीएम मोदी ने बढ़ाया हिंदी का गौरव', अमित शाह बोले- 11 शास्त्रीय भाषाओं वाला भारत एकमात्र देश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश में प्राथमिक और माध्यमिक से लेकर इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराकर सभी भाषाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिंदी में बोलकर राषभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाने का काम किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारत के विकास में युवा पीढ़ी की क्षमता का शत प्रतिशत उपयोग करने के लिए अपनी मातृभाषा में पढ़ने, सोचने और विश्लेषण करने पर जोर दिया। नई दिल्ली स्थिति सुषमा स्वराज भवन में केंद्रीय हंदी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश में प्राथमिक और माध्यमिक से लेकर इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराकर सभी भाषाओं के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय हिंदी समिति हिंदी के विकास और प्रसार के संबंध में दिशा-निर्देश देने वाली सर्वोच्च समिति है। अमित शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों को भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौरवमयी कालखंड बताते हुए कहा कि इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई बड़ी पहल की है। उनके अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिंदी में बोलकर राषभाषा हिंदी का गौरव बढ़ाने का काम किया है।
11 शास्त्रीय भाषाओं वाला भारत एकमात्र देश: शाह
उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा का भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होना इन भाषाओं के विकास के लिए प्रेरणादायी परिवर्तन है और इससे देश की क्षमता का शत-प्रतिशत इस्तेमाल संभव हो सकेगा। पिछले महीने पांच और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा मिलने से भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश बन गया है, जहां 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।(केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक के दौरान बोलते हुए। Photo- ANI)
अमित शाह के अनुसार, हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोष बनाना, भारतीय भाषा अनुभाग स्थापना और देश के विभिन्न हिस्सों में राजभाषा सम्मेलन का आयोजन तीन ऐसे बड़े काम हैं, जिन्हें मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में हिंदी को सशक्त बनाने के लिए किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोष अगले पांच सालों में दुनिया का सबसे समृद्ध शब्तकोष बन जाएगा। इसी तरह से भारतीय भाषा अनुभाग तकनीक का प्रयोग विभिन्न भारतीय भाषाओं के बीच अनुवाद को सुगम बनाने का काम कर रहा है।