Video: 'मन इटली का है तो कभी समझ नहीं आएगा', लोकसभा में जब बोले अमित शाह; ठहाके से गूंजा सदन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सदन में विपक्षी पार्टी की जमकर चुटकी ली। अमित शाह ने आपराधिक कानूनों में संशोधन से जुड़े विधेयकों पर कहा कि जो कहते थे कि हम नहीं समझते हैं उनके लिए कहना चाहूंगा कि मन भारतीय रखोगे तो समझ में आएगा मन अगर इटली का है तो कभी समझ में नहीं आएगा।
By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 20 Dec 2023 05:59 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को बिना नाम लिए कांग्रेस की चुटकी ली। अमित शाह ने आपराधिक कानूनों में संशोधन से जुड़े विधेयकों पर कहा कि जो कहते थे कि हम नहीं समझते हैं, उनके लिए कहना चाहूंगा कि मन भारतीय रखोगे तो समझ में आएगा, मन अगर इटली का है तो कभी समझ में नहीं आएगा।
बिना नाम लिए कांग्रेस पर कटाक्ष
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री आज लोकसभा में देश के कानूनों में बदलाव से जुड़े विधेयक पर चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान अमित शाह ने कहा कि पहली बार भारतीय संविधान के हिसाब से कानून बनने जा रहे हैं और मुझे गर्व है कि ये अवसर मुझे मिला है।
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अमित शाह ने कहा,
कुछ लोग कहते थे कि हम नहीं समझते हैं, मैंने कहा कि अगर मन खुला रखोगे और मन भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा, मन अगर इटली का है तो कभी समझ में नहीं आएगा।
“इटली की मानसिकता” 😂@AmitShah#NayeBharatKeNayeKanoon pic.twitter.com/eJIPNTNTog
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 20, 2023
नए विधेयक में मॉब लिंचिंग के लिए फांसी का प्रावधान
लोकसभा में इन विधेयकों पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम नए कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं, लेकिन मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।पहली बार आतंकवाद की व्याख्याः अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए। इसके साथ-साथ राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम किया जा रहा है।यह भी पढ़ेंः आपराधिक कानूनों में संशोधन से जुड़े तीनों विधेयकों पर चर्चा शुरू; IPC, CPRPC और साक्ष्य अधिनियम की लेंगे जगह