'आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की जरूरत', एजेंसियों से गृह मंत्री अमित शाह की सख्त कार्रवाई की अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने की बात कही। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि हमें न केवल आतंकवाद से लड़ने की जरूरत है बल्कि इसके पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को भी खत्म करने की जरूरत है। केंद्रीय गृह मंत्री शाह दो दिवसीय तीसरे आतंकवाद विरोधी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आतंकवाद पर काफी हद तक लगाम लगाने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने इसके पूरे इकोसिस्टम को ध्वस्त करने की जरूरत बताई है। एनआईए द्वारा आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद निरोधी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि भविष्य में कोई आतंकी संगठन खड़ा ही न हो पाए, इसके लिए सभी आतंकरोधी एजेंसियों को सख्त रुख अपनाना होगा।
आतंक को जड़ से खत्म करने की जरूरत
उन्होंने एनआईए, एटीएस और एसटीएफ जैसी एजेंसियों को आतंकी घटनाओं की जांच के दायरे से बाहर निकलकर आतंकवाद पर जड़मूल से खत्म करने की दिशा में काम करने की सलाह दी।
अमित शाह ने बताया कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के कारण आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई है। उन्होंने जून 2004 से मई 2014 की संप्रग सरकार और मोदी सरकार के जून 2014 से अगस्त 2023 के बीच हुई आतंकी घटनाओं के तुलनात्मक आंकड़े पेश किये।
आतंकी गतिविधियों पर हुई है कार्रवाई
इसके अनुसार संप्रग सरकार की तुलना में मोदी सरकार के दौरान आतंकी घटनाओं में 70 फीसद, इनमें नागरिकों की मृत्यु में 81 फीसद और सुरक्षा बल के जवानों की मृत्यु में 48 फीसद की कमी आई है। अमित शाह ने साफ किया कि अब आतंकवाद के पूरे इको सिस्टम को खत्म करने का समय आ गया है और एजेंसियों को इसके लिए रणनीति पर काम करना चाहिए।
अमित शाह ने एजेंसियों से की अपील
अमित शाह के अनुसार आतंकवाद को खत्म करना किसी एक राज्य या एक एजेंसी के लिए संभव नहीं है और सभी को समन्वय के साथ काम करना होगा। इसके लिए उन्होंने सभी राज्यों के एंटी टेरर एजेंसियों की संरचना और जांच के लिए समान मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अपनाने पर जोर दिया।
एक समान ट्रेनिंग माड्यूल बनाने की जरूरत
इसके साथ ही उन्होंने देश में मौजूद सभी एंटी टेरर एजेंसियों के लिए एक समान ट्रेनिंग माड्यूल बनाने की जरूरत बताई और इसके लिए एनआईए और खुफिया ब्यूरो को पहल करने को कहा। शाह ने एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार द्वारा तैयार डाटाबेस के उपयोग की भी सलाह दी।
उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में इन्हें तैयार किया गया है। इनमें ई-प्रिजन पर दो कैदियों का, ई-प्रोसेक्यूशन पर एक करोड़ से अधिक अभियोजन का, ई-फारेंसिक पर 17 लाख से अधिक फारेंसिंक का, नेशनल फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम पर 90 से अधिक फिंगरप्रिंट का, इंटिग्रेटेड मानीटरिंग आफ टेररिज्म पर 22 हजार आतंकवादी मामलों का, नेशनल इंटीग्रेटेड डाटाबेस आन अरेस्टेड नार्को आफेंडर पोर्टल पर पांच लाख अधिक ड्रग तस्करों का, नेशनल डाटाबेस आफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग आफेंडर्स पोर्टल पर एक लाख मानव तस्करों का, क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर पर 14 लाख से अधिक आपराधिक एलर्ट और नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर 28 लाख साइबर क्राइम का डाटा उपलब्ध है।
एकजुट होकर आतंक से निपटने की सलाह
इसके अलावा एनआईए ने भी राष्ट्रीय स्तर पर आंतकियों और उससे जुड़े लोगों का डाटाबेस तैयार किया है। अमित शाह ने कहा कि सभी को एक साथ मिलकर एक ऐसे तंत्र की रचना करनी होगी, ताकि आने वाले दशकों तक आतंकवाद के खिलाफ बहुआयामी लड़ाई के लिए तैयार हो सकें। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सम्मेलन के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अगले 20-25 सालों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार की जा रही है।