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'तीन वर्षों में एक लाख करोड़ की वित्तीय मदद दे एनसीडीसी', अमित शाह बोले- निगम का उद्देश्य सिर्फ लाभ कमाना नहीं

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से तिमाही लक्ष्यों के साथ अगले तीन वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये वार्षिक वितरण लक्ष्य निर्धारित करने की अपेक्षा की है। अमित शाह ने कहा कि कम दरों पर कर्ज लेने के उपाय ढूंढने के साथ ब्याज दर कम रखते हुए सहकारिता क्षेत्र को ऋण देना चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Tue, 10 Oct 2023 12:12 AM (IST)
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अमित शाह ने सोमवार को एनसीडीसी की महापरिषद की 89वीं बैठक को किया संबोधित। फोटोःएएनआई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से तिमाही लक्ष्यों के साथ अगले तीन वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये वार्षिक वितरण लक्ष्य निर्धारित करने की अपेक्षा की है। वह नई दिल्ली में सोमवार को एनसीडीसी की महापरिषद की 89वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।

केंद्र की विभिन्न योजनाओं की कार्यान्वयन एजेंसी है एनसीडीसी

एनसीडीसी केंद्र की विभिन्न योजनाओं की कार्यान्वयन एजेंसी है और सहकारी समितियों को लाभ पहुंचाने के लिए सब्सिडी घटक को ऋण के साथ जोड़कर वित्तीय मदद करता है। निगम द्वारा वर्ष 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में 41 हजार करोड़ से अधिक की सहायता दी गई है। चालू वर्ष में 2013-14 में वितरित 5,300 करोड़ रुपये से दस गुना वृद्धि प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। अब 2023-2024 के लिए तय किए गए 50 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य को प्राप्त करने जा रहा है। निगम का शुद्ध एनपीए 2022-23 में 99 प्रतिशत से अधिक ऋण वसूली दर के साथ 'शून्य' पर बना हुआ है।

सहकारिता क्षेत्र को देना चाहिए ऋण

अमित शाह ने कहा कि कम दरों पर कर्ज लेने के उपाय ढूंढने के साथ ब्याज दर कम रखते हुए सहकारिता क्षेत्र को ऋण देना चाहिए। इसका उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं बल्कि सहकारिता क्षेत्र के समग्र विकास का होना चाहिए।अमित शाह ने कहा कि एनसीडीसी 'सहकार से समृद्धि' के विजन को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देश के 60 करोड़ लोगों के पास पूंजी नहीं है। उनकी आर्थिक समृद्धि का एकमात्र रास्ता सहकारिता है।

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पैक्सों को किया गया है मजबूत

उन्होंने कहा कि जीडीपी में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 27 महीनों में 52 पहल की गई है। कंप्यूटरीकरण के जरिए प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्सों) को मजबूत किया गया है। उनके कार्यों के विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की सहायता से राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस विकसित किया गया है, जिसमें देशभर की आठ लाख से अधिक सहकारी समितियों का व्यापक और प्रामाणिक ब्योरा है।

केंद्रीय मंत्री ने एनसीडीसी की भूमिका को सराहा

सहकारी विकास में मदद में एनसीडीसी की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि विपणन एवं निवेश, प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड चेन एवं आय को बढ़ावा देने से एनसीडीसी का दायरा समाज में व्यापक हो गया है। देश में 8.9 लाख सहकारी समितियों में 29 करोड़ किसान सदस्य हैं। एनसीडीसी दस हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन को बढ़ावा देने वाली कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है।

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