23 अक्टूबर को NCEL का लोगो और वेबसाइट लॉन्च करेंगे अमित शाह, सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को भी करेंगे संबोधित
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह 23 अक्टूबर को नेशनल कोऑपरेटिव फॉर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) द्वारा आयोजित सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करेंगे। वह एनसीईएल का लोगो वेबसाइट और ब्रोशर भी लॉन्च करेंगे और एनसीईएल सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र वितरित करेंगे। संगोष्ठी में निर्यात बाजारों को जोड़ने के लिए सहकारी समितियों को चैनलाइज़ करने और सहकारी समितियों के लिए अवसरों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 22 Oct 2023 03:46 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह 23 अक्टूबर को नई दिल्ली में नेशनल कोऑपरेटिव फॉर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) द्वारा आयोजित 'सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी' को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह एनसीईएल का लोगो, वेबसाइट और ब्रोशर भी लॉन्च करेंगे और एनसीईएल सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र वितरित करेंगे।
एक दिवसीय संगोष्ठी में निर्यात बाजारों से जुड़ने के लिए सहकारी समितियों का मार्गदर्शन, भारतीय कृषि-निर्यात क्षमता और सहकारी समितियों के लिए अवसर सहित अनेक विषयों पर मंथन किया जाएगा।
NCEL कैसे अस्तित्व में आया?
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के सहकारी क्षेत्र में निर्यात के लिए अंब्रेला संगठन के रूप में कार्य करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समिति की स्थापना की आवश्यकता पर जोर देने के पश्चात NCEL अस्तित्व में आया। सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए पिछले 27 महीनों में 54 महत्वपूर्ण पहल की हैं। इनमें सहकारी समितियों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर की निर्यात सहकारी समिति की स्थापना मोदी सरकार के 'सहकार से समृद्धि' के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।यह भी पढ़ें: Amit Shah Birthday: 'BJP को मजबूत करने में अमित शाह की भूमिका सराहनीय', 'चाणक्य' के 59वें जन्मदिन पर PM मोदी ने दी बधाई
25 जनवरी 2023 को हुआ NCEL का पंजीकरण
NCEL का 25 जनवरी, 2023 को बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के अंतर्गत पंजीकरण किया गया है। अपने राजस्व को लगभग 2,160 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से 2025 तक दोगुना करने के लक्ष्य के साथ NCEL बड़ी संख्या में सहकारी समितियों का नामांकन करके कृषि और संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ हथकरघा और हस्तशिल्प वस्तुओं को भी शामिल करता है।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: BJP का तगड़ा प्लान, अन्नदाताओं को साधने के लिए किसान योद्धाओं को मैदान में उतारेगी पार्टी
सभी सहकारी समितियां 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी वाली NCEL का सदस्य बनने के लिए पात्र हैं। संगोष्ठी सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए की गई विभिन्न पहलों पर सहकारिता मंत्रालय के अधिकारियों के एक प्रेजेंटेशन के साथ शुरू होगी। संगोष्ठी के दूसरे भाग में कई विषयों पर तकनीकी सत्र शामिल होंगे। इनमें निर्यात बाजारों से जोड़ने के लिए सहकारी समितियों को चैनलाइज़ करना, भारतीय कृषि निर्यात की क्षमता तथा सहकारी समितियों के लिए अवसर, भारत को दुनिया की डेयरी हब बनाना तथा सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शामिल है।