नौ साथियों समेत अमृतपाल को असम की जेल में ही क्यों किया गया कैद? पंजाब से 2700 KM दूर रखने के क्या हैं मायने
डिब्रूगढ़ जेल नॉर्थईस्ट की सबसे पुरानी जेलों में से एक है। 1860 में इसका निर्माण हुआ था। इस जेल में अलगाववादी संगठनों जैसे यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के कई नेता कैद रहे हैं। इस सेंट्रल जेल में 680 कैदियों को रखने की व्यवस्था है
By Shashank MishraEdited By: Shashank MishraUpdated: Sun, 23 Apr 2023 06:25 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Amritpal Singh Arrested। अमृत पाल एक उच्चस्तरीय अलगाववादी नेता है जिसे भारत सरकार काफी लम्बे खोज रही थी। पंजाब से खालिस्तान समर्थक अलगाववादी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तारी के बाद विशेष विमान से रविवार को असम के डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे ले जाया गया। बठिंडा से उसे एयरलिफ्ट किया गया है।
केंद्र सरकार ने बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन से पुलिस को एक स्पेशल चॉपर मुहैया करवाया है, जिससे उसे जेल ले जाया गया। ऐसे में सवाल है कि पहले उसके करीबियों और अब अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल क्यों ले जाया जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की जेल में भी अमृतपाल को रखा जा सकता है। इस लेख के जरिए हम आप को बताएंगे कि आखिर क्यों अमृत पाल को डिब्रूगढ़ की जेल में रखा जा रहा हैं।
सिखों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश में अमृतपाल
अमृतपाल को असम ले जाने के पीछे कई कारण है। अमृतपाल पंजाब में सिखों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर सकता है इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब पुलिस को जेल ब्रेकआउट का इनपुट दिया है इसी के आधार पर उसके सहयोगी को पंजाब से असम शिफ्ट कर दिया गया है अब सभी एक ही जगह पर हैं, जहां जांच एजेंसियों और पुलिस को पूछताछ करने में मिलेगी।
डिब्रूगढ़ जेल नॉर्थईस्ट की सबसे पुरानी जेलों में से एक है। 1860 में इसका निर्माण हुआ था। इस जेल में अलगाववादी संगठनों जैसे यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के कई नेता कैद रहे हैं। डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के करीबी दिलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और बजेका बंद हैं। मार्च में पंजाब पुलिस की 27 जवानों की टीम इन्हें लेकर डिब्रूगढ़ जेल पहुंची थी।