Anantnag Encounter: दो गोली खाकर भी आतंकियों के सामने डटा रहा 'जूम', ऐसे की सेना की मदद
अनंतनाग मुठभेड़ में सैन्य डॉग जूम की जांबाजी से टीआरएफ के दो आतंकी कमांडर मारे गए। आतंकियों की संख्या न पता चलने पर सैन्य श्वान को मिशन पर भेजा था। गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हुए जूम की हालत गंभीर।
By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaUpdated: Tue, 11 Oct 2022 07:44 AM (IST)
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ शुरू होते ही ताबड़तोड़ गोलीबारी होने लगी। सेना भी जवाब दे रही थी, लेकिन पता नहीं चल पा रहा था कि कितने आतंकी छिपे हैं। ऐसे में सेना ने अपने जांबाज डॉग 'जूम' को कैमरे के साथ मैदान-ए-जंग में उतार दिया। फिर क्या था गोलीबारी के बीच 'जूम' आतंकियों की मांद तक पहुंच गया। दो आतंकी कमांडरों को अपनी जान बचाना मुश्किल हो गया। आतंकियों ने जूम पर गोलियां दाग दीं। दो गोली खाकर जख्मी होने के बावजूद 'जूम' डटा रहा। इसी दौरान सैन्यकर्मियों ने आतंकियों का काम तमाम कर दिया। जूम अस्पताल में उपचाराधीन है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
दो आतंकी हुए ढेर
करीब 10 घंटे तक जारी मुठभेड़ मे लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्कायड द रजिस्टेंस फ्रंट के दो कमांडर आसिफ अहमद उर्फ हुबैब व वकील अहमद उर्फ तल्हा मारे गए हैं। दो सैन्यकर्मी भी जख्मी हुए हैं। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि आतंकी गांव के भीतरी मोहल्ले में एक मकान में छिपे थे। आतंकियों की सही स्थिति का पता नहीं चल रहा था जिस कारण उनकी गोलीबारी की चपेट में आकर दो सैन्यकर्मी जख्मी हो गए थे।
We wish Army assault dog 'Zoom' a speedy recovery. #Kashmir@adgpi@NorthernComd_IA pic.twitter.com/i1zJl0C2Gw
— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) October 10, 2022
बाडीकैम लगाकर भेजा जूम
सोमवार सुबह सेना अपने जांबाज श्वान 'जूम' को आतंकियों के ठिकाने पर भेजा। जूम को आतंकरोधी अभियानों का विशेष प्रशिक्षण दिया है वह किसी भी अभियान के दौरान गोलीबारी के बीच आतंकियों की सही स्थिति का पता लगाकर उन पर हमला करने में समर्थ है। इसके अलावा उस पर एक बाडीकैम भी लगाया जा सकता है। अपने मिशन को पूरा करने के लिए आतंकी ठिकाना बने मकान में 'जूम' दाखिल हुआ और वह उस जगह पहुंच गया, जहां आतंकी छिपे हुए थे।आतंकियों की सही पोजीशन का पता चला
'जूम' के शरीर पर लगे कैमरे के जरिये जहां सुरक्षाबलों को आतंकियों की सही पोजीशन और संख्या का पता चला। जूम ने खुद आतंकियों को देखकर उन पर झपटा मारने का प्रयास किया। इस पर आतंकियों ने उन पर गोलियां की बरसात कर दी। दो गोलियां 'जूम' को लगी और वह वहीं जमीन पर गिर पड़ा, लेकिन तब तक वह अपना काम पूरा कर चुका था। सैन्यकर्मियों ने आतंकियों की सही पोजीशन और संख्या का पता चलते ही अंतिम प्रहार कर उन्हें मार गिराया।