Andhra Pradesh: चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर जारी किया श्वेत पत्र, पिछली जगन सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
Andhra Pradesh आंध्र प्रदेश की नायडु सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी किया है जिसमें पिछली जगन सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। सरकार ने कहा कि पिछले शासन के कुप्रबंधन की वजह से राज्य को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा। नायडू सरकार ने आरोप लगाया कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने अर्थव्यवस्था को नष्ट करने का काम किया है।
एएनआई, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर श्वेत पत्र जारी करते हुए पिछली जगन सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। श्वेत पत्र में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश की पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने का काम किया।
इसमें कहा गया कि विकास दर कम होने से राज्य को 6.94 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। श्वेत पत्र में कहा गया कि 2014 और 2019 के बीच राज्य की विकास दर 13.5 प्रतिशत थी, लेकिन 2019 से 2024 के बीच यह गिरकर 10.5 फीसदी पर आ गई। अगर पहले जैसी विकास दर जारी रहती तो राज्य को 76,195 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता।
2019 के बाद कुशासन नाम से जारी किया श्वेत पत्र
नायडू सरकार ने कहा कि अगर कोविड-19 के प्रभाव को हटा भी दें तो राज्य को 52,197 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व आना चाहिए था। श्वेत पत्र "2019 के बाद कुशासन" का शीर्षक दिया गया, जिसमें कहा गया कि पिछले शासन के दौरान अल्पकालिक बिजली खरीद से बढ़ी हुई बिजली लागत के कारण राज्य को 12,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ा।नायडू सरकार ने आरोप लगाया कि अवैध रेत खनन के कारण राज्य के खजाने को 7,000 करोड़ रुपये और खनिज राजस्व में कुप्रबंधन के कारण 9,750 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बताया गया कि अमरावती, पोलावरम और ऊर्जा क्षेत्र में अनुबंध रद्द होने से भी राज्य को नुकसान हुआ। श्वेत पत्र में आगे कहा गया कि अकुशल शासन के कारण राज्य को बिजली क्षेत्र में 1.29 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।