बिलकिस बानो मामले का एक और दोषी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, आरोपी ने सजा को लेकर अदालत से किया यह अपील
Bilkis bano case आठ जनवरी के फैसले की समीक्षा करने के लिए 11 में से दो दोषी और गुजरात सरकार पहले ही याचिका दाखिल कर चुके हैं। समीक्षा याचिका दाखिल कर रमेश रूपाभाई चंदाना ने कहा कि शीर्ष अदालत ने आक्षेपित आदेश पारित करते समय शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ द्वारा पारित 13 मई 2022 के फैसले को खारिज किया।
पीटीआई, नई दिल्ली। बिल्किस बानो मामले के एक और दोषी ने अपनी सजा में छूट को निरस्त करने के आठ जनवरी के फैसले की समीक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उसने तर्क दिया कि इसे अपराध की प्रकृति और न्याय के लिए समाज की पुकार के आधार पर चुनौती नहीं दे सकती है।
आठ जनवरी के फैसले की समीक्षा करने के लिए 11 में से दो दोषी और गुजरात सरकार पहले ही याचिका दाखिल कर चुके हैं। समीक्षा याचिका दाखिल कर रमेश रूपाभाई चंदाना ने कहा कि शीर्ष अदालत ने आक्षेपित आदेश पारित करते समय शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ द्वारा पारित 13 मई, 2022 के फैसले को खारिज किया।
SC का आदेश न्यायालयों की समिति के सिद्धांत का उल्लंघन
फैसले की समीक्षा करने की मांग करने के कारण बताते हुए याचिका में कहा है कि शीर्ष अदालत की एक पीठ 13 जनवरी 2022 को गुजरात सरकार को 1992 की नीति के अनुसार सजा में छूट देने की अनुमति दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आठ जनवरी का आदेश न्यायालयों की समिति के सिद्धांत का उल्लंघन था। न्यायालयों की समिति का सिद्धांत अन्य न्यायालयों के कानूनों और निर्णयों का सम्मान करने की बात कहता है।
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