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मणिपुर मामले पर एक और याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इस मुद्दे पर पहले से ध्यान, फिर इसकी क्या जरूरत

याचिकाकर्ता ने मणिपुर में यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के तहत एक स्वतंत्र समिति के गठन की मांग की। पीठ ने कहा कि कल सीजेआई के समक्ष इसका उल्लेख करें। यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की है। इसमें उन्होंने राज्य में हिंसा की सीबीआइ (CBI) जांच के लिए भी कोर्ट से निर्देश देने की मांग की है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 27 Jul 2023 07:21 PM (IST)
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याचिका में जांच के लिए सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में स्वतंत्र समिति के गठन की मांग।

नई दिल्ली, पीटीआई। मणिपुर मामले में एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल हुई है। इसमें मांग है कि प्रदेश में यौन हमलों और हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, 'इस उद्देश्य के लिए एक और (याचिका) की क्या जरूरत है?' इस मुद्दे पर पहले ही शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाएं हैं।

मणिपुर से जुड़ी याचिकाएं सुनवाई के लिए शुक्रवार को सूचीबद्ध

यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की है। इसमें उन्होंने राज्य में हिंसा की सीबीआइ (CBI) जांच के लिए भी कोर्ट से निर्देश देने की मांग की है। इसका उल्लेख गुरुवार को जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष किया गया।

तिवारी ने पीठ से कहा कि मणिपुर हिंसा से जुड़ी याचिकाएं सुनवाई के लिए शुक्रवार को सूचीबद्ध हैं, लिहाजा उनकी याचिका भी संबंधित मामलों के साथ शुक्रवार को सूचीबद्ध की जाए। पीठ ने कहा कि देश में हर कोई इस मामले में अपनी बात रखना चाहता है।

फिर याचिकाकर्ता से कहा कि वह सूचीबद्ध कराने के लिए याचिका का उल्लेख शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष करें। जस्टिस चंद्रचूड़ गुरुवार को अदालत में नहीं बैठे थे। तिवारी ने याचिका में दावा किया है कि उन्होंने यह याचिका मणिपुर में विधि के शासन के उल्लंघन और राज्य में जारी दमनकारी क्रूरता, अराजकता व कुप्रबंधन के विरुद्ध दायर की है।