यूपी मदरसा एक्ट रद्द करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, कहा- हाई कोर्ट का आदेश गलत
यूपी मदरसा एक्ट रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने गत 22 मार्च को यूपी बोर्ड आफ मदरसा एजूकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक ठहरा दिया था। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा था कि यूपी बोर्ड आफ मदरसा एजुकेशन बोर्ड एक्ट पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है। पंथनिरपेक्षता संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूपी मदरसा एक्ट रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है जिसमें यूपी मदरसा एक्ट रद करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। अंजुम कादरी ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट का आदेश रद्द करने की मांग की है।
ठहराया गया था असंवैधानिक
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने गत 22 मार्च को यूपी बोर्ड आफ मदरसा एजूकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक ठहरा दिया था। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा था कि यूपी बोर्ड आफ मदरसा एजुकेशन बोर्ड एक्ट पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है। पंथनिरपेक्षता संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।
हाई कोर्ट का आदेश गलत
हाई कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 21ए का उल्लंघन बताया था। इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने मदरसा एक्ट को यूजीसी की धारा 22 का भी उल्लंघन माना था। अंजुम कादरी ने वकील प्रदीप यादव और संजीव मल्होत्रा के जरिये दाखिल की गई विशेष अनुमति याचिका में कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश गलत है।हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग
हाई कोर्ट ने आदेश देते वक्त सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के पूर्व फैसलों पर गौर नहीं किया और यूपी मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित कर दिया। आदेश देने में हाई कोर्ट ने विधायिका के क्षेत्राधिकार का भी अतिक्रमण किया है। याचिका में मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य की दुहाई देते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई है।
यह भी पढ़ें: Katchatheevu Island Row: आपके परिवार ने की थी डील फिक्सिंग, श्रीलंका को सौंप दिया था कच्चातिवू द्वीप, कांग्रेस पर बरसी भाजपा