Kerala Governor: आरिफ मोहम्मद खान ने नियुक्तियों में नेपोटिज्म के आरोपों पर कुलपति को लगाई फटकार, दिए जांच के आदेश
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन को भाई-भतीजावाद के आरोपों पर फटकार लगाई है। उन्होंने इस संबंध में जांच के आदेश भी दिए हैं। आरोप है कि नियुक्ति प्रक्रिया में विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन किया गया है।
By Versha SinghEdited By: Updated: Sat, 20 Aug 2022 02:55 PM (IST)
तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने शनिवार को कन्नूर यूनिवर्सिटी (Kannur University) के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन को भाई-भतीजावाद के आरोपों पर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही जांच दल गठित की जाएगी, जो विभिन्न विश्वविद्यालयों में की गई सभी नियुक्तियों की जांच करेगी।
नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन
बता दें कि कन्नूर विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रिया वर्गीस की नियुक्ति में कथित अनियमितता सामने आई थी। प्रिया वार्गीस पूर्व सीपीआईएम (CPIM) के राज्यसभा सदस्य और मुख्यमंत्री पिनारई विजयन के निजी सचिव के के राघवेश की पत्नी है। इसी कारण से यह विवाद सामने आया है। आरोप है कि नियुक्ति प्रक्रिया में विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन किया गया है।
कुलपति पर मुख्यमंत्री को खुश करने का आरोप
राज्यपाल ने कहा, 'कुलपति सत्ता में विराजमान पार्टी को खुश करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। यह एक खुला रहस्य है कि प्रिया को नियुक्त करने के लिए उनसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले अन्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर दिया गया।' उन्होंने कहा कि पिछले साल प्रिया का इंटरव्यू रवींद्रन के रिटायर होने से कुछ दिन पहले हुआ था, लेकिन इंटरव्यू के तुरंत बाद, रवींद्रन का कार्यकाल बढ़ गया, जो मुश्किल है।नियुक्ति प्रक्रिया में जांच का आदेश
खान ने कहा, 'हमें इस तरह के कामों पर रोक लगाने की जरुरत है। हम लोगों के पैसों को इस तरह से बर्बाद नहीं कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि सबसे निचले पद से लेकर उच्च पद तक, विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां हो रही हैं और इस संबंध में जल्द ही जांच शुरू होगी। बता दें कि इस जांच के दायरे में पूर्व लोकसभा सदस्य पी के बीजू की पत्नी भी आ सकती हैं, क्योंकि उन्हें भी केरल विश्वविद्यालय नौकरी मिली हुई है। साथ ही कई अन्य लोगों पर भी गाज गिर सकती है।
ऐसे में मुख्यमंत्री विजयन को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उन्होंने अब तक इस मुद्दे को लेकर कुछ भी नहीं बोला है।