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'सीमापार से आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन जगजाहिर', भारत ने पाक के सेनाध्यक्ष की अमेरिका यात्रा पर दी प्रतिक्रिया

भारत ने गुरुवार को दोहराया कि वह पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है और पाकिस्तान का इसको समर्थन सर्वज्ञात है। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे की पृष्ठभूमि में भारत ने उम्मीद जताई कि अन्य देश भी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को गंभीरता से लेंगे। साप्ताहिक प्रेसवार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ये बात कही।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 21 Dec 2023 11:37 PM (IST)
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साप्ताहिक प्रेसवार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची। (फाइल फोटो)
एएनआई, नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को दोहराया कि वह पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है और पाकिस्तान का इसको समर्थन सर्वज्ञात है। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे की पृष्ठभूमि में भारत ने उम्मीद जताई कि अन्य देश भी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को गंभीरता से लेंगे।

पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष की अमेरिका यात्रा पर क्या बोले बागची?

साप्ताहिक प्रेसवार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अमेरिका में जनरल मुनीर की विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन एवं विभाग के अन्य अधिकारियों से मुलाकात के बारे में अप्रत्यक्ष रूप से नाखुशी जताते हुए कहा, इन बैठकों के बारे में हमने कुछ रिपोर्टें देखी थीं। आतंकवाद एवं सीमापार से हमलों को पाकिस्तान के समर्थन के प्रति हमारी चिंता सर्वज्ञात है। हमें उम्मीद है कि अन्य भी आतंकरोधी कार्रवाई को गंभीरता से लेंगे।

मालदीव सरकार के फैसले पर क्या है भारत का रुख?

भारत को हाइड्रोग्राफिक सर्वे की अनुमति देने के लिए समझौते का नवीकरण नहीं करने के मालदीव सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में भारत का अच्छा ट्रैक रिकार्ड है और हम हाइड्रोग्राफी और उससे संबंधित विभिन्न तत्वों पर हिंद महासागर क्षेत्र के कई देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं। भागीदार देशों को इसका लाभ दिख रहा है।

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नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा के मामले पर क्या है नया अपडेट?

कतर में जासूसी के आरोप में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को सुनाई गई मौत की सजा के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कतर कोर्ट ऑफ अपील में तीन सुनवाई हो चुकी हैं और इस बीच दोहा में भारत के राजदूत तीन दिसंबर को आठों अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं।

बागची ने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उन्हें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि ये आठ नौसेना अधिकारी उस मामले में शामिल हैं क्योंकि मामला अभी भी चल रहा है। उन्होंने कहा, इसके अलावा मेरे पास इस स्तर पर साझा करने के लिए कुछ भी नहीं है। मेरे पास इस बात का कोई संकेत नहीं है कि किन लोगों को माफ किया गया था और कितने भारतीय थे। हमें निश्चित रूप से कोई संकेत नहीं मिला है कि ये आठ लोग इसमें शामिल हैं। मामला चल रहा है।

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट पर क्या बोले बागची?

प्रवक्ता ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा हाल में जारी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट को प्रेरित एवं भेदभावपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि वह इस तरह की टिप्पणियों पर और टिप्पणी करके ज्यादा तूल नहीं देना चाहेंगे। अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता निगरानी संस्था 'यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम' ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध भारत के अंतरराष्ट्रीय दमन पर चिंता जताई है। संस्था ने बाइडन प्रशासन से भारत को विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित करने का आग्रह किया है।

भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की बैठक और विदेश मंत्री जयशंकर की मॉस्को यात्रा की योजना के बारे में बागची ने कहा कि विदेश मंत्री की संभावित मास्को यात्रा को लेकर विचार-विमर्श जारी है, लेकिन इसकी कोई निश्चित जानकारी नहीं है।

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पापुआ न्यू गिनी को मदद की घोषणा

बागची ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि पापुआ न्यू गिनी में ज्वालामुखी फटने से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक चार्टर्ड विमान से राहत सामग्री भेजी गई है। इस आपदा के बाद भारत ने 10 लाख डॉलर की मदद की घोषणा की थी। सामग्री में 11 टन आपदा राहत सामग्री और छह टन चिकित्सकीय सहायता है।