'सीमापार से आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन जगजाहिर', भारत ने पाक के सेनाध्यक्ष की अमेरिका यात्रा पर दी प्रतिक्रिया
भारत ने गुरुवार को दोहराया कि वह पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है और पाकिस्तान का इसको समर्थन सर्वज्ञात है। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे की पृष्ठभूमि में भारत ने उम्मीद जताई कि अन्य देश भी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को गंभीरता से लेंगे। साप्ताहिक प्रेसवार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ये बात कही।
एएनआई, नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को दोहराया कि वह पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है और पाकिस्तान का इसको समर्थन सर्वज्ञात है। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे की पृष्ठभूमि में भारत ने उम्मीद जताई कि अन्य देश भी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को गंभीरता से लेंगे।
पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष की अमेरिका यात्रा पर क्या बोले बागची?
साप्ताहिक प्रेसवार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अमेरिका में जनरल मुनीर की विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन एवं विभाग के अन्य अधिकारियों से मुलाकात के बारे में अप्रत्यक्ष रूप से नाखुशी जताते हुए कहा, इन बैठकों के बारे में हमने कुछ रिपोर्टें देखी थीं। आतंकवाद एवं सीमापार से हमलों को पाकिस्तान के समर्थन के प्रति हमारी चिंता सर्वज्ञात है। हमें उम्मीद है कि अन्य भी आतंकरोधी कार्रवाई को गंभीरता से लेंगे।
मालदीव सरकार के फैसले पर क्या है भारत का रुख?
भारत को हाइड्रोग्राफिक सर्वे की अनुमति देने के लिए समझौते का नवीकरण नहीं करने के मालदीव सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में भारत का अच्छा ट्रैक रिकार्ड है और हम हाइड्रोग्राफी और उससे संबंधित विभिन्न तत्वों पर हिंद महासागर क्षेत्र के कई देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं। भागीदार देशों को इसका लाभ दिख रहा है।यह भी पढ़ेंः चेक रिपब्लिक के जेल में बंद निखिल गुप्ता के संपर्क में भारत सरकार, राजनयिक मदद देने को तैयार
नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा के मामले पर क्या है नया अपडेट?
कतर में जासूसी के आरोप में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को सुनाई गई मौत की सजा के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कतर कोर्ट ऑफ अपील में तीन सुनवाई हो चुकी हैं और इस बीच दोहा में भारत के राजदूत तीन दिसंबर को आठों अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं।बागची ने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उन्हें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि ये आठ नौसेना अधिकारी उस मामले में शामिल हैं क्योंकि मामला अभी भी चल रहा है। उन्होंने कहा, इसके अलावा मेरे पास इस स्तर पर साझा करने के लिए कुछ भी नहीं है। मेरे पास इस बात का कोई संकेत नहीं है कि किन लोगों को माफ किया गया था और कितने भारतीय थे। हमें निश्चित रूप से कोई संकेत नहीं मिला है कि ये आठ लोग इसमें शामिल हैं। मामला चल रहा है।