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Army Chief Gen Pande: सेना प्रमुख जनरल पांडे का चीन को खास संदेश, इजरायल-हमास युद्ध को लेकर भी दिया बयान

Army Chief Gen Pande चाणक्य रक्षा संवाद में सेना प्रमुख जनरल पांडे ने कहा कि भारत तेजी से तरक्की के रास्ते पर दौड़ रहा है। उन्होंने कहा कि निराशा भूराजनीतिक उथल-पुथल के बीच भी देश लगातार विकास कर रहा है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ बढ़ते सीमा विवाद के बीच सेना प्रमुख का ये बयान सामने आया है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Fri, 03 Nov 2023 04:50 PM (IST)
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Army Chief Gen Pande सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे। (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। Army Chief Gen Pande सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार को लद्दाख सीमा से चीन को खास संदेश दिया। सेना प्रमुख ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर रहता है। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर दिया है। 

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ बढ़ते सीमा विवाद के बीच सेना प्रमुख का ये बयान सामने आया है।

दुनिया भर में रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहा भारत

चाणक्य रक्षा संवाद को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि भारत दुनिया भर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहा है और सेना मित्रवत विदेशी साझेदार देशों के साथ संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण और अभ्यास के दायरे और पैमाने को बढ़ाने के लिए उत्सुक है।

इजरायल-हमास जंग का जिक्र किए बिना दिया संदेश 

वर्तमान में कई देशों में चल रही जंगों पर चर्चा करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा की बढ़ती महत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सेना प्रमुख ने कहा कि इस उतार-चढ़ाव के बीच भी भारत का उज्ज्वल स्थान है।

जनरल पांडे ने इजरायल और हमास जंग का संदर्भ दिए बिना कहा कि हमारा दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, बल के उपयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय नियमों, कानूनों और विनियमों के पालन पर जोर देता है। 

रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर

सेना प्रमुख ने कहा कि अपने रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, हम दुनिया भर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहे हैं। हमारे सामने चुनौतियां महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अवसर और सामूहिक ज्ञान और ताकत भी महत्वपूर्ण हैं।

भारत के बढ़ते कद के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व मंच पर हमारी एक विश्वसनीय आवाज है, जो दक्षिणी देशों की चिंताओं को व्यक्त करने में प्रभावी है।