थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे आज यूनाइटेड किंगडम के लिए हुए रवाना, 201वीं परेड की करेंगे समीक्षा
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे संप्रभु के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिष्ठित रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट में कमीशनिंग कोर्स 223 की 201वीं संप्रभु परेड की समीक्षा करने के लिए आज यूनाइटेड किंगडम के लिए रवाना हुए। रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट में सॉवरेन परेड एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है जो अपने शानदार इतिहास और दुनिया भर से अधिकारी कैडेटों के पास होने के लिए जाना जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 09 Aug 2023 09:36 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे संप्रभु के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिष्ठित रॉयल मिलिट्री अकादमी, सैंडहर्स्ट में कमीशनिंग कोर्स 223 की 201वीं संप्रभु परेड की समीक्षा करने के लिए आज यूनाइटेड किंगडम के लिए रवाना हुए। इसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी है।
रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट में सॉवरेन परेड एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है, जो अपने शानदार इतिहास और दुनिया भर से अधिकारी कैडेटों के पास होने के लिए जाना जाता है। जनरल मनोज पांडे परेड के लिए संप्रभु प्रतिनिधि बनने वाले भारत के पहले सेनाध्यक्ष हैं। अपनी यात्रा के दौरान, जनरल भारतीय सेना स्मारक कक्ष का भी दौरा करेंगे।
अपनी यूके यात्रा के दौरान, जनरल मनोज पांडे ब्रिटिश सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स और यूके सशस्त्र बलों के वाइस चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल ग्विन जेनकिंस से बातचीत करेंगे। वह यूके स्ट्रैटेजिक कमांड के कमांडर जनरल सर जेम्स होकेनहुल, फील्ड आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राल्फ वुडडिस और रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट के कमांडेंट मेजर जनरल जाचरी रेमंड स्टेनिंग के साथ उच्च स्तरीय चर्चा में शामिल होंगे, जिसमें सामान्य हित के विभिन्न मामलों पर चर्चा होगी। साथ ही रक्षा सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयास और रणनीतिक योजना भी शामिल है।Chief of the Army Staff, General Manoj Pande left for the United Kingdom today, to review the 201st Sovereign's Parade of Commissioning Course 223 at the prestigious Royal Military Academy, Sandhurst as the Sovereign’s Representative: Ministry of Defence
— ANI (@ANI) August 9, 2023
(File Photo) pic.twitter.com/WnL1ylRqWV
यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक, सैन्य और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह उस स्थायी सौहार्द का प्रमाण है जो वर्षों से विकसित हुआ है, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग और समझ को बढ़ावा देता है।