Move to Jagran APP

चीन सीमा पर यथास्थिति बहाल होने तक नहीं घटेगा सैन्य बल, सेना प्रमुख मनोज पांडे ने भारत का रुख किया स्पष्ट

पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा के हालात को स्थिर और संवेदनशील करार देते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने दो टूक कहा है कि जब तक एलएसी पर अप्रैल 2020 की यथास्थिति वापस बहाल नहीं हो जाती तब तक सीमा से सैनिकों की मौजूदा तैनाती नहीं घटायी जाएगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद ही सैनिकों को हटाने के बारे में कोई विचार होगा।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 11 Jan 2024 09:29 PM (IST)
Hero Image
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे। (फोटो- एएनआई)
संजय मिश्र, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा के हालात को स्थिर और संवेदनशील करार देते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने दो टूक कहा है कि जब तक एलएसी पर अप्रैल 2020 की यथास्थिति वापस बहाल नहीं हो जाती तब तक सीमा से सैनिकों की मौजूदा तैनाती नहीं घटायी जाएगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद ही सैनिकों को हटाने के बारे में कोई विचार होगा। सीमा की चुनौतियों के मद्देनजर सेना हाई ऑपरेशनल मोड में ही बनी रहेगी। चीन और भूटान के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रही बातचीत प्रक्रिया पर भी भारतीय सेना की नजरें हैं और सेना प्रमुख ने स्पष्ट कहा कि भारत और भूटान के न केवल विशिष्ट संबंध हैं बल्कि साझा सुरक्षा चुनौतियां भी हैं।

पाकिस्तान को करारा जवाब

पूंछ-राजौरी इलाके में बढ़ी आतंकी घटनाओं के लिए आतंकवाद को समर्थन जारी रखने की पाकिस्तान की नीति को इंगित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हिंसा की घटनाओं में कमी आयी है मगर आतंकवाद को सीमा पार से जारी समर्थन के कारण राजौरी-पूंछ इलाके में हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं।

म्यांमार को लेकर क्या बोले सेना प्रमुख?

म्यांमार में जारी आंतरिक उथल-पुथल के कारण सीमा की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि मिजोरम और मणिपुर में शरणार्थियों के आने की चुनौती से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सेना दिवस से पूर्व अपनी सालाना प्रेस कांफ्रेंस में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भारत-चीन सीमा गतिरोध से जुड़े सवालों पर कहा कि सैन्य मेकेनिज्म के तहत कई स्तरों पर बातचीत जारी है। साथ ही कूटनीतिक लेवल पर भी बातचीत की एक स्थापित प्रक्रिया है और यह अच्छा मेकेनिज्म है। गतिरोध का हल निकालने की प्रक्रिया जारी रहेगी।

यह भी पढ़ेंः अग्निवीरों को 4 साल के सेवाकाल समाप्त होने के बाद भी मिल सकता है मौका, भर्ती नियमों में हो सकता है बड़ा बदलाव

चीन को लेकर मनोज पांडे ने स्पष्ट किया रुख

चीन से मौजूदा गतिरोध के मद्देनजर पूर्वी लद्दाख में सीमा पर अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करने को लेकर भारतीय सेना का रूख पूछे जाने पर जनरल पांडे ने कहा कि हमारा प्रयास 2020 के मध्य में मौजूद यथास्थिति पर वापस जाने के लिए बातचीत जारी रखना है। एक बार ऐसा हो जाए तो हम सैनिकों की कटौती के बड़े मुद्दे पर विचार कर सकते हैं। लेकिन यह (यथास्थिति) हासिल करने का पहला लक्ष्य है। तब तक सीमा पर तैनाती के लिए जितने सैनिकों की जरूरत उसकी तैनाती करना जारी रखेंगे। एक बार पहला लक्ष्य हासिल हो जाए तो हम अन्य मुद्दों पर विचार कर सकते हैं।

भूटान से लगातार बातचीत जारीः सेना प्रमुख

सीमा विवाद समाधान के लिए भूटान-चीन के बीच जारी वार्ता के संबंध में उनका कहना था कि सेना की इस पर इसलिए भी नजर है कि भारत के भूटान से विशिष्ट संबंध में आपसी रक्षा-सुरक्षा के रिश्ते भी जुड़े हैं और हम भूटान के मित्रों से लगातार पारदर्शी तरीके से बातचीत कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में हिंसा में कमी आने की चर्चा करते हुए सेना प्रमुख ने स्वीकार किया कि राजौरी-पूंछ के इलाके में 2003 में आंतकवाद का लगभग सफाया हो जाने के उपरांत इस इलाके में आतंकी घटनाओं का नया दौर शुरू हुआ है। खासकर 2017-18 के बाद इस क्षेत्र में आतंकी हिंसा में बढ़ोतरी हुई है और पिछले तीन साल में 45 आतंकवादी इस क्षेत्र में मारे गए हैं।

आतंकी हिंसा को पाकिस्तान का समर्थन जारी रखने की चर्चा करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि सीमा पार से न केवल आतंक का समर्थन जारी है बल्कि आतंकी ढांचे को भी वहां समर्थन मिल रहा है। घुसपैठ का लगातार हो रहा प्रयास इसका प्रमाण है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय सीमा से ड्रोन के जरिए हथियारों व ड्रग्स की तस्करी के प्रयास भी जारी है जिसे सेना लगातार विफल करने में जुटी है।

भारत-म्यांमार सीमा पर स्थिति क्या बोले सेना प्रमुख?

भारत-म्यांमार सीमा पर पनपी स्थिति से जुड़े सवालों पर सेना प्रमुख ने कहा कि म्यांमार सेना और जातीय सशस्त्र संगठनों के संघर्ष के कारण कुछ विद्रोही समूह दबाव महसूस कर रहे हैं जिन्होंने मणिपुर और मिजोरम में आने का प्रयास किया है। करीब 417 म्यांमार के सैनिक और कुछ लोग आए हैं और यह हमारे लिए चिंता का विषय है। इसलिए हमने सीमा पर चौकसी बढ़ाते हुए असम राइफल के 20 बटालियन भारत-म्यांमार सीमा पर तैनात किए हैं और सीमा चौकसी को ज्यादा मजबूत करने की भी बात हो रही है।

विश्व के ताजा बड़े संघर्षों से मिले सबक की चर्चा करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि सेना नए दौर की चुनौतियों के अनुरूप अपनी क्षमता बढ़ाने और तैयारी के लिए आधुनिकीकरण पर तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक वायरफेयर सिस्टम, साइबार वायरेफेयर से लेकर डिसरप्टिव युद्ध नीति से जुड़े मामलों में सेना कुछ नई तकनीकों और उपकरणों को शामिल कर रही है। बेहतर ऑल वेदर वाहन, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम शामिल करना इसका हिस्सा है।

यह भी पढ़ेंः 'LAC पर हालात अभी भी तनावपूर्ण', जनरल मनोज पांडे बोले-टेक्नोलॉजी के बेहतर उपयोग पर भारतीय सेना का ध्यान

सेना के 2024 के प्रमुख लक्ष्यों पर चर्चा

जरनल पांडे ने अप्रासंगिक सैन्य इकाईयों को बंद करने की बात भी कही है ओर इस क्रम में सेना की पशु परिवहन और फूड लैब जैसी इकाइयों में मानव संसाधन घटाए जाने का इरादा जताया। उन्होंने कहा कि सेना को मजबूत ही नहीं सटीक बनाने के लिए 2027 हम एक लाख की संख्या में कमी करेंगे और ड्रोन तथा आधुनिक प्रासंगिक टेक्नोलॉजी को विकल्प बनाएंगे।

सेना के 2024 के प्रमुख लक्ष्यों की चर्चा करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि सुरक्षित मोबाइल नेटवर्क बनाने के लिए सेक्योर आर्मी मोबाइल वर्जन हमने बनाया है जो पूरी तरह सुरक्षित है। इसके तहत 35000 मोबाइल हैंड सेट इस साल लिए जाएंगे जिसमें से 2500 की आपूर्ति हो चुकी है। साथ ही सेना के हर कमान में एक साइबर सुरक्षा विंग बनेगा। महिला सैन्य अफसरों को तवज्जो देने को प्राथमिकता सूची में रखने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि 120 महिला अफसरों को कर्नल रैंक में प्रमोशन देकर पहले ही अहम भूमिका दी गई है और आगे के स्तर पर भी इन्हें पदोन्नति मिले इसके लिए पहल की जाएगी।