वारगेम व ट्रेनिंग के लिए 'प्रतिद्वंद्वी बल' बनाने की संभावना तलाशेगी सेना, मानव संसाधन प्रबंधन नीति में भी करेगी संशोधन
भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के समग्र प्रयासों के तहत सेना के शीर्ष कमांडरों ने वास्तविक वारगेम और ट्रेनिंग के लिए एक विशेष संगठन बनाने की संभावना तलाशने का फैसला किया है जो प्रतिद्वंद्वी बल के रूप में कार्य करेगा। मंगलवार को समाप्त हुए सम्मेलन में कमांडरों ने सेना की मानव संसाधन प्रबंधन नीति में संशोधन करने का फैसला भी किया है
पीटीआई, नई दिल्ली। भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के समग्र प्रयासों के तहत सेना के शीर्ष कमांडरों ने वास्तविक वारगेम और ट्रेनिंग के लिए एक विशेष संगठन बनाने की संभावना तलाशने का फैसला किया है जो 'प्रतिद्वंद्वी बल' के रूप में कार्य करेगा।
मानव संसाधन प्रबंधन नीति में हुआ संशोधन
मंगलवार को समाप्त हुए सम्मेलन में कमांडरों ने सेना की मानव संसाधन प्रबंधन नीति में संशोधन करने का फैसला भी किया है ताकि इसे तकनीकी रूप से दक्ष व भविष्य के लिए तैयार सेना की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में अधिक नवीन बनाया जा सके।
अलग इकाइयों को किया जा रहा स्थापित
सेना के शीर्ष नेतृत्व ने सेना में संगठनात्मक व प्रक्रियागत बदलाव करने का भी संकल्प लिया है, ताकि भविष्य के लिए क्षमता विकास की दिशा में आत्मनिर्भरता पर फोकस रखते हुए अत्याधुनिक तकनीक को अपनाया जा सके। इसके लिए आर्मी डिजाइन ब्यूरो की नवाचार क्षमता को बढ़ाने के साथ ही कमान मुख्यालयों पर ब्यूरों की अलग इकाइयों को स्थापित किया जा रहा है।यह भी पढ़ेंः Lok Sabha Election 2024: NCP- शरदचंद्र पवार ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट, सुरेश म्हात्रे को भिवंडी से दिया टिकटपूरे जीवन काल की सहायता सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में की जाने वाली खरीद में अनुबंध को अंतिम रूप देने के चरण में इस तरह के पहलुओं को शामिल किया जाएगा। साथ ही सैन्य कमांडरों ने सीमावर्ती इलाकों में क्षमता निर्माण व बुनियादी ढांचा विकास में बढ़ोतरी के लिए संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल व तालमेल सुनिश्चित करने के लिए अन्य मंत्रालयों के साथ सहयोग के और अवसरों को तलाशने का फैसला किया है।