Artemis 1 Orion Capsule ने धरती से करीब 92 हजार किमी की दूरी पृथ्वी की पहली इमेज भेजी है। इसमें पृथ्वी के साथ इस यान का इंजन इसमें लगा सोलर पैनल भी दिखाई दे रहा है। नासा के इस मिशन से अब भविष्य की उम्मीद बढ़ गई है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 17 Nov 2022 09:16 AM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। NASA के बहुप्रतिक्षित मून मिशन (NASA Moon Mission) की शुरुआत हो चुकी है। स्पेस लान्च सिस्टम (SLS/Space Launch System) के जरिए Artemis 1 और Orion Capsule लगातार अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। इस सफर में Orion Capsule ने धरती की पहली तस्वीर (1st image of Earth) भेजी है।
Orion Capsule ने जिस वक्त ये तस्वीर ली थी उस वक्त ये धरती से करीब 57 हजार मील अर्थात 92 हजार किमी की दूरी पर था। ये यान 8,800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चांद के आर्बिट की तरफ आगे बढ़ रहा है। आपको बता दें कि अपोलो मिशन के बाद इस तरह का नजारा अब से पहले कभी दिखाई नहीं दिया था। 1972 में नासा के इस मून मिशन ने अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक मील का पत्थर स्थापित किया था।
Artemis1 Live Telecast
नासा के प्रवक्ता सेंड्रा जान्स का कहना है कि स्पेस एजेंसी Orion Capsule के सफर का लाइव टेलिकास्ट भी आज से शुरू कर चुकी है। नासा के इस यान ने केवल अंतरिक्ष से धरती की ही तस्वीर नहीं भेजी है बल्कि Orion Capsule के अंदर की तस्वीर भी भेजी है। इस कमांडर Moonikin Campos के साथ दूसरी चीजें भी दिखाई दे रही हैं। आपको बता दें कि नासा के ये मिशन पूरी तरह मानवरहित है। इस तस्वीर में कमांडर Moonikin जिस ओरेंज स्पेस सूट में दिखाई दे रही हैं उसको भविष्य में चांद पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्री इस्तेमाल करेंगे। इस तस्वीर में Orion Capsule की विंडो, Callisto Experiment, जो कि स्पेस में इस्तेमाल की जाने वाली Alexa Technology का एक टेस्ट है, भी दिखाई दे रही है।
Orion Capsule पर लगे कई कैमरे
नासा के मुताबिक Orion Capsule पर दो और कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से एक कैप्सूल का फ्रंट व्यू दिखाता है और दूसरा इसके टाप पर लगा ये लैंडिंग के दौरान पैराशूट की साथ लगाया गया है। Orion Capsule ने धरती की जो पहली तस्वीर नासा को उपलब्ध कराई है उसमें इसका इंजन, इसमें लगे सोलर पैनल भी दिखाई दे रहे हैं। इस यान में इस तरह के चार सोलर पैनल हैं जो सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेंगे और इस यान को चांद के आर्बिट में पहुंचाने और बाकी चीजों में मदद करेंगे। नासा का कहना है कि अगले 5 दिनों तक आर्टिमिस 1 चांद की तरफ बढ़ेगा और 21 नवंबर को ये चांद के सबसे करीब पहुंच जाएगा। कुछ दिन चांद के आर्बिट में बिताने के बाद 11 दिसंबर को इसकी वापसी का सफर शुरू हो जाएगा। इस यान का सफर करीब 25 दिनों का होगा।
ऊंट के मुंह में जीरे के समान है भारत के सामने पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्री लंका का कुल विदेशी मुद्रा भंडारविकास के नाम पर अरबों डालर के कर्ज में डूबा पाकिस्तान, सरकार कर रही अपनों की अनदेखी तो निगलने को तैयार है चीन