Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बढ़ेंगी रोजगार की संभावना, 1.2 करोड़ से अधिक लगेगी नौकरियां; ये सेक्टर होंगे प्रभावित

इलेक्ट्रॉनिक्स व आई मंत्रालय की तरफ से एआई को लेकर बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 38 प्रतिशत कर्मचारी इस बात को लेकर आशंकित है कि एआई से उनकी नौकरी प्रभावित हो सकती है और 13 प्रतिशत तो यह मान बैठे हैं कि एआई उनकी नौकरी खत्म कर देगा।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 18 Oct 2023 08:50 PM (IST)
Hero Image
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बढ़ेंगी रोजगार की संभावना (Image: Representative)

राजीव कुमार, नई दिल्ली। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल से काम के लिए कम लोगों की जरूरत होगी और नौकरियां चली जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं है।

इलेक्ट्रॉनिक्स व आई मंत्रालय की तरफ से एआई को लेकर बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक 38 प्रतिशत कर्मचारी इस बात को लेकर आशंकित है कि एआई से उनकी नौकरी प्रभावित हो सकती है और 13 प्रतिशत तो यह मान बैठे हैं कि एआई उनकी नौकरी खत्म कर देगा।

AI से खत्म हो सकती है 8.5 करोड़ लोगों की नौकरियां

पर दुनिया भर में एआई को लेकर जो कवायद चल रही है, उससे साफ जाहिर है कि एआई किसी भी देश की उत्पादकता को बढ़ाने से लेकर नई नौकरियों के सृजन में बड़ा मददगार साबित होने जा रहा है। वर्ष 2025 तक एआई के इस्तेमाल से दुनिया भर में 8.5 करोड़ लोगों की नौकरियां खत्म हो सकती है तो 9.7 करोड़ लोगों के लिए नौकरियों का सृजन भी होगा। यानी कि 1.2 करोड़ अधिक नौकरियों के अवसर निकलेंगे।

ये सेक्टर होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित

रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य रूप से जिन क्षेत्रों में कम कुशल लोगों की जरूरत है, वहां एआई के इस्तेमाल से सबसे अधिक नौकरियां जा सकती है। आने वाले समय में एआई से बैंकिग, रिटेल, हेल्थकेयर, मैन्यूफैक्चरिंग, विभिन्न प्रकार के उपभोग वाले क्षेत्र प्रभावित होने जा रहे हैं। यहीं वजह है कि भारत ने एआई को ध्यान में रखते हुए भविष्य में जरूरत पड़ने वाली कुशलता को अपनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी दिशा में बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय और आईबीएम के बीच एक समझौता किया गया।

तेजी से फैल रहा AI का इस्तेमाल

जानकारों के मुताबिक दुनिया भर में एआई का इस्तेमाल इतनी तेजी से फैल रहा है कि उसे रोका नहीं जा सकता है। मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल वैश्विक स्तर पर एआई का बाजार 120 अरब डॉलर का है जो हर साल 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वर्ष 2030 तक एआई का वैश्विक बाजार 1.5 लाख करोड़ डालर का हो जाएगा। एआई से संबंधित हार्डवेयर का बाजार वर्ष 2030 तक 90 अरब डॉलर का हो जाएगा जो अभी सिर्फ नौ अरब डालर का है।

यह भी पढ़े: World Food India: 3 नवंबर को होगा फूड इंडिया 2023 का आयोजन, PM मोदी करेंगे शुभारंभ; शामिल होंगे 81 देश

35 प्रतिशत कारोबार में एआई का इस्तेमाल

दुनिया भर में 35 प्रतिशत कारोबार में एआई का इस्तेमाल हो रहा है। 84 प्रतिशत लोगों को यह पता तक नहीं है कि उनके जीवन व रोजमर्रा की जिंदगी में एआई का प्रवेश हो चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भी एआई का बाजार सालाना 20.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वर्ष 2025 तक यह बाजार 7.8 अरब डॉलर का हो जाएगा। एआई का बाजार हार्डवेयर, साफ्टवेयर व सर्विस सभी सेक्टर में बढ़ेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर कहते हैं, एआई सेगमेंट में बढ़ोतरी की बड़ी संभावना है हम भारत एआई के लिए और एआई भारत के लिए सोच के साथ काम कर रहे हैं।

यह भी पढ़े: तमिलनाडु: ईरोड में एग पफ खाने के बाद बिगड़ी तीन लोगों की तबीयत, जांच के लिए भेजे गए सैंपल; केस दर्ज