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'सब कुछ केजरीवाल के निर्देश पर हुआ', जमानत के विरोध में CBI ने गिनाए आरोप, कहा- केस को सनसनीखेज बनाने की कोशिश

Arvind Kejriwal Bail Hearing सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने उन्हें जमानत दिए जाने का जमकर विरोध करते हुए उनके खिलाफ कई आरोप गिनाए। सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल केस को राजनीतिक रूप से सनसनीखेज बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जानिए एजेंसी ने क्या-क्या दी दलीलें।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 23 Aug 2024 09:50 PM (IST)
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केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली जमानत, फिलहाल जेल में ही रहना होगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने का विरोध करते हुए उनकी याचिका खारिज करने का अनुरोध किया है। सीबीआई ने कहा है कि केजरीवाल केस को राजनैतिक रूप से सनसनीखेज बनाने का प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और लागू करने की आपराधिक साजिश में शामिल थे।

सीबीआई ने कहा कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी में सारे निर्णय उनके निर्देश पर लिए गए थे। यह बात सीबीआई ने केजरीवाल की एक याचिका का विरोध करते हुए दाखिल ताजा हलफनामे में कही है। वहीं दूसरे मामले में जवाब दाखिल करने के लिए जांच एजेंसी ने शुक्रवार को कोर्ट से समय मांग लिया, जिसके चलते सुनवाई पांच सितंबर तक टाल गई।

फिलहाल जेल में ही रहना होगा

यानी केजरीवाल को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने केजरीवाल को तत्काल अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया था। अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की हैं। एक में दिल्ली हाई कोर्ट के सीबीआई गिरफ्तारी को वैध ठहराने वाले आदेश को चुनौती दी है, जबकि दूसरी में जमानत मांगी है। दोनों में कोर्ट ने सीबीआई को जवाब के लिए नोटिस जारी किया था।

केजरीवाल को मनी लांड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है, अगर उन्हें सीबीआई के केस में भी जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे। सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को केजरीवाल की याचिकाएं न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगीं थीं।

सीबीआई ने मांगा समय

सीबीआई की ओर से पेश एडीशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने एक मामले में जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन दूसरे मामले में अभी जवाब दाखिल करना है, इसके लिए कुछ और समय दे दिया जाए। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की मांग का विरोध करते हुए कहा कि इन्होंने एक मामले में हलफनामा दाखिल किया है, जिसकी प्रति उन्हें गुरुवार की शाम आठ बजे मिली और दूसरे में नहीं किया। अब समय मांग रहे हैं।

कोर्ट ने स्वीकार किया सीबीआई का अनुरोध

हालांकि कोर्ट ने सीबीआई का अनुरोध स्वीकार करते हुए दूसरे मामले में जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दे दिया और केजरीवाल को प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए उसके बाद दो दिन देते हुए केस को पांच सितंबर को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया। सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल की दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल विशेष अनुमित याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट से उसे खारिज करने का अनुरोध किया है।

सीबीआई ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को किसी भी तरह की रिहाई या जमानत देने से केस के ट्रायल पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, जो कि अभी शुरुआती स्तर पर है और जिसमें अभी गवाहियां होनी हैं। सीबीआई ने केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए आबकारी नीति मामले में केजरीवाल की भूमिका का विस्तार से उल्लेख किया है। कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और आम आदमी पार्टी के मुखिया हैं। हालांकि उनके पास कोई विभाग नहीं है, लेकिन उनके निर्देश और सहमति पर ही दिल्ली सरकार और पार्टी के सारे निर्णय लिए गए।

मेडिकल आधार पर जमानत देने का विरोध 

सीबीआई का कहना है कि ईडी के केस में मिली जमानत का सीबीआई के विशिष्ट केस में कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां तक कि सीबीआई ने केजरीवाल को चिकित्सीय आधार पर भी जमानत देने का भी विरोध किया है। कहा है कि उनकी बीमारियों के लिए जेल मैनुअल के मुताबिक तिहाड़ जेल के अस्पताल में या उसके रिफरल अस्पताल में इलाज हो सकता है, जो कि अभी भी हो रहा है।

सीबीआई ने कहा कि बीमारी के आधार पर जमानत का कोई आधार नहीं बनता। बीमारी के आधार पर जमानत तभी दी जाती है, जब जेल में इलाज संभव न हो। सीबीआई ने यह भी कहा है कि केजरीवाल ने जमानत के लिए अलग से अर्जी दी है, उसकी मेरिट के आधार पर विचार होना चाहिए।