डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द राइज ऑफ केजरीवाल' पर संकट के बादल
फिल्म निर्देशक खुशबू रंका और विनय शुक्ला ने इस फिल्म में केजरीवाल के उत्थान और आम आदमी पार्टी (आप) के जन्म का ब्योरा दिया है।
मुंबई, प्रेट्र। अरविंद केजरीवाल के एक सामाजिक कार्यकर्ता से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने तक के सफर पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द राइज ऑफ केजरीवाल' पर संकट के बादल छा गए हैं। दरअसल, फिल्म निर्माताओं ने दावा किया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने फिल्म से भाजपा और कांग्रेस के जिक्र को हटाने को कहा है।
फिल्म निर्देशक खुशबू रंका और विनय शुक्ला ने इस फिल्म में केजरीवाल के उत्थान और आम आदमी पार्टी (आप) के जन्म का ब्योरा दिया है। खुशबू ने बताया कि हमारी फिल्म में दिखाया गया है कि एक बाहरी कैसे राजनीति में कदम रखता है। इसलिए हम इस फिल्म के लिए किसी तरह की मुसीबत की उम्मीद नहीं कर रहे थे। यह एक राजनीतिक फिल्म है। इसलिए कोई भी बात मुसीबत बन सकती है या मुसीबत नहीं भी बन सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सेंसर बोर्ड के प्रमुख का काम राजनीतिक दलों को बचाना नहीं है।
इधर, सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने इन आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि उनसे सिर्फ सामान्य प्रक्रिया को अपनाने को कहा गया है। उनसे और कुछ भी नहीं मांगा गया है। हमने उन्हें नोटिस देकर कुछ शब्दों पर आवाज बंद करने को कहा है।
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