Monkeypox: दुनिया के 70 देशों में पैर पसार चुका मंकीपाक्स, केरल में मिले केस के बाद चौकस हुई भारत सरकार
Monkeypox Cases भारत में मंकीपाक्स का पहला मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक्सपर्ट टीम को केरल भेजा गया। साथ ही सरकार ने गाइडलाइन्स जारी की हैं।
चेन्नई, एजेंसी। भारत समेत दुनिया के 70 से अधिक देशों में मंकीपाक्स ने अपने पैर पसार दिए हैं। केरल में मंकीपाक्स का केस मिलने के बाद भारत सरकार सरकार सतर्क हो गई है। दूसरी ओर तमिलनाडु ने पड़ोसी राज्यों से लगी सीमाओं पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रह्मण्यम ( Ma Subramanian) ने कहा, 'केरल के साथ लगी सीमा पर हमने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंकीपाक्स बीमारी को लेकर जागरुकता कार्यक्रम चला रही है।'
केंद्र सरकार अलर्ट, एक्सपर्ट टीम पहुंची केरल
भारत में मंकीपाक्स का पहला मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक्सपर्ट टीम को केरल भेजा गया। साथ ही सरकार ने गाइडलाइन्स जारी की हैं। इससे पहले 31 मई को भी गाइडलाइन्स जारी किए गए। इसके मुताबिक मंकीपाक्स के केस में जीनोम सिक्वेंसिंग या आरपीसीआर टेस्ट ही कंफर्म माना जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ पुलिस की टीम भी तमिलनाडु की चौकियों पर तैनात की गई है। इसमें डाक्टर, नर्स व टेक्निशियन शामिल हैं। तमिलनाडु पहुंच रहे मंकीपाक्स के संदिग्ध मरीजों पर नजर रखने के लिए यह व्यवस्था की गई है। अनेकों देशों में मंकीपाक्स बीमारी के मामले पहुंच चुके हैं।
UAE से केरल लौटा था शख्स
14 जुलाई को केरल के कोल्लम जिले से देश का पहला मंकीपाक्स केस सामने आया। मरीज हाल ही में UAE से केरल लौटा था। दुनिया में अब तक मंकीपॉक्स के 11 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत में इस वायरस के मिलने से टेंशन बढ़ गई है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक, चेचक, खसरा, बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन, खुजली, और दवाओं से होने वाली एलर्जी मंकीपाक्स से अलग होती है। साथ ही मंकीपाक्स में लिंफ नोड्स में सूजन होती है, जबकि चेचक में ऐसा नहीं होता है। इसका इनक्यूबेशन पीरियड (इंफेक्शन से सिम्प्टम्स तक का समय) आमतौर पर 7-14 दिनों का होता है, लेकिन यह 5-21 दिनों का भी हो सकता है।