'वो सिर्फ BJP नेता नहीं, एक मुख्यमंत्री भी हैं', भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच अशोक गहलोत ने असम के CM पर कसा तंज
मंगलवार को गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए असम के सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने राहुल गांधी की यात्रा के लिए राज्य में आगमन की जानकारी होने से पहले ही कल्याणकारी योजनाओं के लिए फॉर्म के वितरण की तारीखों की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा कि ये तारीखें हमारे जानने से पहले ही घोषित कर दी गई थीं कि वह आ रहे हैं।
एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नेतृत्व वाली 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' इस सप्ताह असम में प्रवेश कर चुकी है। दरअसल, कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली असम सरकार उनकी यात्रा में बाधा उत्पन्न कर रही है।
कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सीएम सरमा सिर्फ एक बीजेपी नेता नहीं हैं, बल्कि एक सीएम भी हैं और हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है।
अशोक गहलोत ने सीएम सरमा को घेरा
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का पूरे देश में स्वागत हो रहा है। वह हर किसी के लिए न्याय सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं, चाहे वह सामाजिक हो या आर्थिक। देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है। अमीरों और गरीबों के बीच अंतर बढ़ रहा है। यह बहुत बड़ा मुद्दा है। उसी समय, राहुल गांधी ने साहस जुटाया और 6,000 किलोमीटर लंबी यात्रा करने का फैसला किया।"उन्होंने कहा, "हिमंत बिस्वा सरमा सिर्फ एक भाजपा नेता नहीं हैं, वह एक मुख्यमंत्री भी हैं। प्रत्येक नागरिक और राज्य में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है, चाहे वे किसी भी पार्टी से हों।"
'यात्रा को विफल बनाने की हो रही कोशिश'
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दावा किया कि हिमंत बिस्वा सरमा सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि भारत जोड़ो यात्रा सफल न हो।उन्होंने कहा, "हम 25 जनवरी तक असम में हैं। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है कि भारत जोड़ो यात्रा यहां सफल न हो। असम सरकार यात्रा में बाधाएं पैदा कर रही है, लेकिन हमें विश्वास है कि असम के सभी वर्गों सहित युवा और महिलाएं सुनेंगे कि राहुल गांधी क्या कहना चाहते हैं।"