Unified Pension Scheme: 'पेंशन के मुद्दे को मोदी सरकार गंभीर', BJP ने OPS पर कांग्रेस को घेरा
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला है। अश्विनी वैष्णव ने आरोप लगाया कि उनकी हिमाचल प्रदेश व राजस्थान की सरकारों ने एनपीएस की जगह ओपीएस लागू करने का एलान जरूर किया था लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया हैजबकि पीएम नरेन्द्र मोदी ने पेंशन के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए नई योजना को लागू करने का फैसला किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Ashwini Vaishnaw on Unified Pension Scheme: केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में पूर्व वित्त सचिव टीवी स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, ताकि एनपीएस की समीक्षा की जा सके।
इस समिति ने केंद्रीय कर्मचारियों के संघों व दूसरे प्रतिनिधियों, राज्य सरकारों, आरबीआई, विश्व बैंक, राजनीतिक दलों समेत श्रम संगठनों के साथ विस्तार से विमर्श के बाद एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का फैसला किया गया है।
अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर बोला हमला
सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनकी हिमाचल प्रदेश व राजस्थान की सरकारों ने एनपीएस की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने का एलान जरूर किया था, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। दूसरी तरफ पीएम नरेन्द्र मोदी ने पेंशन के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इस पर समिति गठित की और अब नई योजना को लागू करने का फैसला किया है।
केंद्रीय कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा कोई बोझः वैष्णव
उन्होंने साफ किया कि इस नई स्कीम के लिए केंद्रीय कर्मचारियों पर कोई बोझ नहीं डाला जाएगा। ओपीएस जहां बगैर किसी वित्तीय योगदान की सुनिश्चित भुगतान योजना थी वहीं यूपीएस के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए केंद्र का योगदान बढ़ा दिया गया है। पहले यह योगदान की राशि 10 प्रतिशत थी, जिसे वर्ष 2019 में मोदी सरकार ने बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया था। अब इसे 18.5 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है।
जेसीएम के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए संयुक्त सलाहकार तंत्र (जेसीएम) के कर्मचारी पक्ष के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय हुई, जब केंद्र सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी है, जिसमें सुनिश्चित पेंशन और सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन शामिल है।
जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि कई दिनों के प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय परिषद की चिंताओं को स्वीकार किया और स्थायी समिति के साथ बैठक बुलाई। जेसीएम सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए बातचीत का एक वैधानिक मंच है। इसमें एक दर्जन से अधिक सरकारी संगठनों के सदस्य हैं।