Gyanvapi Case: ज्ञानवासी की सर्वे रिपोर्ट देख भड़के असदुद्दीन ओवैसी, बोले- हिंदुत्व की गुलाम है ASI
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सर्वे रिपोर्ट देखकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए। दरअसल मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने फाइंडिंग रिपोर्ट के आधार पर बताया कि ज्ञानवापी पहले बड़ा हिंदू मंदिर था। उन्होंने कहा कि 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के समय में हिंदू मंदिर की संरचना को ढहाया गया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की सर्वे रिपोर्ट देखकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए और उन्होंने एक स्कॉलर का जिक्र करते हुए एएसआई को हिंदुत्व का गुलाम बताया।
सर्वे रिपोर्ट में क्या कुछ कहा गया
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में हिंदू मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं। कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को सभी पक्षकारों को 839 पन्नों की रिपोर्ट की कॉपी सौंपी गई और इसके बाद मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने 20 पेज की फाइंडिंग रिपोर्ट के आधार पर बताया कि ज्ञानवापी पहले बड़ा हिंदू मंदिर था।
ओवैसी ने ASI की सर्वे रिपोर्ट को नकारा
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ओवैसी ने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट को सिरे से नकारते हुए कहा कि यह पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में टिक नहीं पाएगा। यह रिपोर्ट वैज्ञानिक अध्ययनों का मजाक उठा रही है, क्योंकि यह अनुमान पर आधारित है। उन्होंने आगे एक स्कॉलर के हवाले से कहा कि एएसआई हिंदुत्व की गुलाम है।यह भी पढ़ें: मिट्टी में दबी मिलीं देवी-देवताओं की मूर्तियां, औरंगजेब के शासनकाल में नष्ट हुआ था मंदिर; ASI रिपोर्ट में खुलासा
This wouldn’t stand academic scrutiny before any set of professional archaeologists or historians. The report is based on conjecture and makes a mockery of scientific study. As a great scholar once said “ASI is the handmaiden of Hindutva“ https://t.co/vE76X1uccM
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 25, 2024
'मस्जिद बनाने की मिली तारीख'
मंदिर पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के समय में हिंदू मंदिर की संरचना को ढहाया गया। इसके बाद मंदिर के अवशेषों और खंभों का उपयोग मस्जिद बनाने में किया गया। ज्ञानवापी में 32 ऐसी जगहें मिली हैं, जहां पर पुराने मंदिर होने के सबूत हैं। उन्होंने आगे बताया,एक टूटे पत्थर पर फारसी में मंदिर तोड़े जाने का आदेश और मस्जिद बनाने की तारीख मिली है।