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Assam: PMAY-U के तहत 64, 469 घरों का हुआ निर्माण, अधिग्रहित भूमि पर बनेगी सैटेलाइट टाउनशिप

असम में प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी के तहत 65469 घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। इस योजना की शुरुआत के बाद से असम के लिए 1.51 लाख घरों को मंजूरी दी है। अभी तक हमने अभी तक 65469 इकाइयां पूरी की जा चुकी हैं।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 03 Jan 2023 08:55 PM (IST)
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प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी के तहत असम में 65,469 घरों का निर्माण पूरा कर लिया गया।
गुवाहाटी, एजेंसी। प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (Pradhan Mantri Awas Yojana – Urban) के तहत असम में 65,469 घरों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। मंगलवार को राज्य के एक मंत्री ने जानकारी दी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, आवास और शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र ने योजना की शुरुआत के बाद से असम के लिए 1.51 लाख घरों को मंजूरी दी है।

अधिग्रहित भूमि पर सैटेलाइट टाउनशिप विकसित करने की योजना

उन्होंने कहा, 'हमने अभी तक 65,469 इकाइयां पूरी की हैं और उनमें से 32,003 घरों का निर्माण पिछले एक साल के दौरान किया गया है। लगभग 32,000 और इकाइयां जल्द ही पूरी होने वाली है। साल 2022-23 के बीच इस योजना के लिए 293.79 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है। अशोक सिंघल ने आगे कहा कि राज्य सरकार हिन्दुस्तान पेपर कार्पोरेशन के निष्क्रिय नगांव पेपर मिल से अधिग्रहित भूमि पर नागांव जिले के जागीरोड में एक सैटेलाइट टाउनशिप विकसित करने की योजना बना रही है। सिंघल ने कहा, 'यह एक विश्व स्तरीय एकीकृत शहर होगा, जो 1,000 एकड़ में फैला होगा। हमने मास्टर प्लान तैयार करने के लिए सिंगापुर स्थित सलाहकार सुरबाना जुरोंग को नियुक्त किया है। यह प्लान 31 मार्च तक तैयार होने की सांभावना है।

28 जिले प्रस्तुत कर चुकी सिंचाई मास्टर प्लान: अशोक सिंघल

बता दें कि सिंचाई विभाग की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी अशोक सिंघल ही संभाल रहे हैं। इसी मद्देनजर उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य के सभी जिलों को सिंचाई मास्टर प्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया था, जिसे 28 जिलों द्वारा प्रस्तुत किया गया है और बाकी जिले भी जल्द ही मास्टर प्लान प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य राज्य भर में 10 लाख टन धान के लिए सिंचाई सुविधाओं का निर्माण करना है। अब तक 7.86 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता का निर्माण किया गया है, लेकिन इनमें से कई योजनाएं अब बंद हो चुकी हैं।'

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