असम और मेघालय अपने सीमा विवाद हल करने को आए आगे, छह विवादित स्थानों को लेकर होगी वार्ता
सरमा ने कहा जो मसले दोनों प्रदेशों की वार्ता में नहीं निपटेंगे उन्हें केंद्र सरकार के पास निर्णय के लिए भेजा जाएगा। क्षेत्रीय समितियों के संबंध में निर्णय लिया गया कि उनमें कुछ वरिष्ठ अधिकारी और विवादग्रस्त इलाकों के जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
By Neel RajputEdited By: Updated: Fri, 06 Aug 2021 09:36 PM (IST)
गुवाहाटी, प्रेट्र। मिजोरम के साथ हाल के हिंसक सीमा विवाद से सबक लेते हुए असम ने मेघालय के साथ अपने सीमा मसलों को सुलझाने के लिए अहम कदम उठाया है। शुक्रवार को गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के बीच वार्ता में इस बाबत दो समितियों के गठन पर सहमति बनी। दोनों प्रदेशों में कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता वाली ये समितियां 12 विवादित इलाकों में से छह पर वार्ता कर उनसे जुड़े मसले निपटाएंगी।
दोनों मुख्यमंत्रियों की संयुक्त प्रेस वार्ता में सरमा ने कहा, जो मसले दोनों प्रदेशों की वार्ता में नहीं निपटेंगे, उन्हें केंद्र सरकार के पास निर्णय के लिए भेजा जाएगा। क्षेत्रीय समितियों के संबंध में निर्णय लिया गया कि उनमें कुछ वरिष्ठ अधिकारी और विवादग्रस्त इलाकों के जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। दोनों समितियां 30 दिन में वार्ता कर विवादों के समाधान का मसौदा तैयार कर अपनी-अपनी सरकारों को सौंपेंगी। सरमा ने कहा कि असम की तरफ से किसी इलाके को लेकर कोई विवाद नहीं है। लेकिन मेघालय सरकार का दावा है कि 12 स्थानों पर उसकी जमीन पर असम के लोगों का कब्जा है। इन्हीं में से छह स्थानों के लिए अभी वार्ता शुरू की जाएगी। जिन इलाकों के लिए वार्ता होगी, वे हैं- ताराबाड़ी, गिजांग, हाहिम, बाकलापाड़ा, खानापाड़ा-पिलिंगकाटा और राताचेरा।
मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा, दोनों राज्य सरकारों का लंबे समय से लंबित इन मामलों को लेकर नजरिया स्पष्ट है। दोनों ही इन विवादों का समाधान चाहती हैं। विवादित इलाकों के लोग लंबे समय से इन विवादों का दुष्प्रभाव झेल रहे हैं। इसलिए सम्मान और सौहार्दपूर्ण तरीके से विवादों का समाधान करने के लिए दोनों सरकारें आगे आई हैं। यह हम दोनों की राजनीतिक इच्छाशक्ति का नतीजा है।