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असम कांग्रेस ने अंगकिता दत्ता को भेजा कारण बताओ नोटिस, IYC अध्यक्ष पर लगाए थे उत्पीड़न के आरोप

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) ने असम प्रदेश यूथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष डॉ. अंगकिता दत्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के खिलाफ उन्हें परेशान करने और भेदभाव करने का आरोप लगाया था।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 21 Apr 2023 08:29 AM (IST)
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असम कांग्रेस ने अंगकिता दत्ता को भेजा कारण बताओ नोटिस
गुवाहाटी (असम), एजेंसी। असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) ने असम प्रदेश यूथ कांग्रेस की "पूर्व" अध्यक्ष डॉ. अंगकिता दत्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के खिलाफ उन्हें परेशान करने और "भेदभाव" करने का आरोप लगाया था।

अंगकिता दत्ता को भेजा कारण बताओ नोटिस

APCC अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने गुरुवार को अंगकिता दत्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और कम समय में स्पष्टीकरण मांगा है। कारण बताओ नोटिस अंगकिता दत्ता द्वारा गुवाहाटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन में श्रीनिवास बीवी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के घंटों बाद आया है। हालांकि पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है।

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) के एक शीर्ष सूत्र ने एएनआई को बताया कि APCC ने गुरुवार को अंगकिता दत्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उन्हें जवाब देने के लिए दो दिन का समय दिया है।

APCC सूत्र ने यह भी कहा कि इससे पहले APCC ने अंगकिता दत्ता को पिछले साल दिसंबर में भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

अंगकिता दत्ता ने श्री निवास बीवी पर लगाए थे आरोप

मंगलवार को ट्विटर पर अंगकिता दत्ता ने कहा कि @IYCPresident @srinivasiyc ने मुझे लगातार परेशान किया है और मेरे साथ भेदभाव कर रहा है। मेरे संस्कार और शिक्षा अब मुझे इसकी इजाजत नहीं देते। कई बार सामने लाने के बावजूद नेतृत्व ने अनसुना कर दिया है @RahulGandhi @kcvenugopalmp @priyankagandhi।

अंगकिता ने एक ट्वीट में कहा कि मैं चार पीढ़ियों की कांग्रेसी हूं। मैं दो बार आंतरिक संगठन से चुनाव लड़ चुकी हूं, बूथ समिति बनाई।

मेरी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय में पोल एससी से एलएलबी तक, गुवाहाटी विश्वविद्यालय में पीएचडी तक है। हम पार्टी के लिए चुप हैं। लेकिन श्रीनिवास द्वारा प्रताड़ित करना बंद नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि 6 महीने तक "भेदभाव" का सामना करने के बावजूद कोई जांच शुरू नहीं की गई।