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Assam Flood: असम में बाढ़ से बदतर हुए हालात, 6 लाख से अधिक लोग प्रभावित; भारी बारिश की चेतावनी जारी

असम में लगातार हो रही बारिश ने अब विकराल रूप ले लिया है। यहां बारिश के कारण लाखों लोगों के घर डूब गए हैं और कई लोगों को राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए एक आदेश में कहा गया है कि किसी भी प्रकार के वाहनों की गति एनएच 715 के खंड पर 20 या 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।

By Versha Singh Edited By: Versha Singh Published: Tue, 02 Jul 2024 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2024 09:30 AM (IST)
असम में भारी बारिश के बाद बाढ़ से लोग परेशान (फोटो - ANI)

एएनआई, असम। बारिश का इतंजार कर रहे लोगों के चहरों तो बारिश से खिल गए लेकिन पूर्वोत्तर इसकी मार झेल रहा है। पिछले एक माह से बाढ़ से जूझ रहे असम और अरुणाचल में लोग अस्थायी कैंपों में रह रहे हैं। असम में बाढ़ की स्थिति और बदतर होती जा रही है। असम में करीब 3 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं और अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

ये वीडिओ असम के मोरीगांव की है। जहां ब्रह्मपुत्र नदी का पानी गांवों में फैलने से सोमवार को बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह से छोट-छोटे बच्चे पानी में डूबे अपने घरों से कीमती सामान बाहर निकाल रहे हैं।

वाहनों की गति को लेकर दिए गए आदेश

भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण पशु फंसे हुए हैं, जिससे वाहनों की चपेट में आने से चोट लगने और मौत की संभावना बनी हुई है, इसलिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, कालीबोर ने आदेश जारी किया है।

किसी भी प्रकार के वाहनों की गति एनएच 715 (पुराने एनएच 37) के खंड पर 20 या 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।

भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति को देखते हुए गोलाघाट के एसपी ने आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि सभी यात्री वाहन, निजी और व्यावसायिक दोनों, को हर आधे घंटे में पुलिस और बल के कर्मचारियों द्वारा संचालित की जाने वाली सख्ती से नियंत्रित गति से चलने की अनुमति दी जाएगी। पायलट वाहन बागोरी बॉर्डर और पनबारी में तैनात रहेंगे। वे नागांव पुलिस और वन कर्मचारियों के साथ समन्वय करेंगे।

भारत-चीन सीमा पर कई इलाकों से कटा संपर्क

असम में बाढ़ की स्थिति बद्तर होती जा रही है और जलस्तर बढ़ने की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में स्थित 233 वन शिविरों में से 26 प्रतिशत से अधिक जलमग्न हो गए हैं। वहीं भारत-चीन सीमा पर भी कई इलाकों से सड़क मार्ग का संपर्क कट गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मुताबिक बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 12 से बढ़कर 19 हो गई है। ईटानगर में भारी बारिश की वजह से 2 से 6 जुलाई तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

कुरुंग नदी पर बना पुल बहा

पूर्वी कामेंग जिले में कुरुंग नदी पर बना पुल बाढ़ में बह गया। इसके अलावा कई घर भी बाढ़ की चपेट में आ गए। असम में लगभग 8 हजार लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। वहीं, तिनसुकिया जिले में सबसे ज्यादा 35 लोगों की मौत हो गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक काजीरंगा वन्य जीव अभयारण्य का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है और बड़ी संख्या में जानवर ऊंचे स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-715 पार कर पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के दक्षिणी हिस्से की ओर जा रहे हैं। हालांकि, बाढ़ या सड़क पार करने के दौरान किसी जानवर की मौत की खबर नहीं है।

6 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित

असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, राज्य के 19 जिलों में छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं, जबकि बारिश से संबंधित घटनाओं में 45 लोगों की मौत हो गई है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कम से कम आठ नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसमें ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट जिले के नेमाटीघाट में अपने उच्चतम बाढ़ स्तर को पार कर गई है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के बुलेटिन में कहा गया है कि NDRF, SDRF, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां ​​बचाव अभियान में लगी हुई हैं।

बुलेटिन में कहा गया है कि कुल 6,44,128 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, क्योंकि कामरूप, गोलाघाट, माजुली, लखीमपुर, करीमगंज, कछार, धेमाजी, मोरीगांव, उदलगुड़ी, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, नागांव, शिवसागर, दारंग, नलबाड़ी, सोनितपुर, तामुलपुर, विश्वनाथ और जोरहाट बाढ़ के पानी में डूब गए हैं।

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