असम सरकार का बड़ा फैसला, आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को हर महीने मिलेगी 15000 रुपये की पेंशन
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि राज्य सरकार आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोगों को लोक तंत्र सेनानी मानती है।
By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Wed, 19 Apr 2023 10:41 PM (IST)
गुवाहाटी, पीटीआई। असम सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि वह आपातकाल के दौरान जेल में बंद 300 से अधिक लोगों को 15,000 रुपये मासिक पेंशन देगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि राज्य सरकार आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोगों को 'लोक तंत्र सेनानी' मानती है।
301 लोगों को मासिक पेंशन देने की मंजूरी
सिंघल ने कहा, "लोकतंत्र के प्रति उनके योगदान को पहचानने के लिए, असम कैबिनेट ने आज 301 लोगों को मासिक पेंशन देने की मंजूरी दी। उन्हें प्रति माह 15,000 रुपये मिलेंगे। यदि व्यक्ति नहीं है, तो उसकी पत्नी को राशि मिलेगी और यदि दोनों की मृत्यु हो गई है उनकी अविवाहित बेटी को यह राशि मिलेगी।"
सिंघल ने किया दावा - सबसे ज्यादा राशि दे रही असम सरकार
सिंघल ने दावा किया कि भारत में कई राज्य आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोगों को पेंशन दे रहे हैं, लेकिन असम द्वारा दी जाने वाली राशि सबसे अधिक है। आपातकाल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए लगाया गया था।असम और अरुणाचल सीमा विवाद को खत्म करने के लिए शाह की मौजूदगी में एक समझौते पर करेंगे हस्ताक्षर
कैबिनेट के अन्य फैसलों के बारे में बात करते हुए पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि असम और अरुणाचल प्रदेश लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को खत्म करने के लिए गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने कहा, "कई संयुक्त क्षेत्रीय समितियां थीं और वे कई महीनों से सीमा विवादों पर चर्चा कर रही थीं। दो दिन पहले उन्होंने अपने सुझाव दिए और असम कैबिनेट ने आज उन्हें मंजूरी दे दी।"