Assam-Mizoram Border Dispute: सीमा विवाद सुलझाने के लिए असम-मिजोरम आज करेंगे बातचीत, आइजोल में होगी बैठक
मिजोरम और असम लंबित सीमा विवाद के समाधान के लिए शुक्रवार को मंत्रिस्तरीय वार्ता करेंगे। यह विवाद औपनिवेशिक काल के दो परिसीमनों बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन के तहत 1875 की अधिसूचना और 1933 के भारतीय मानचित्र सर्वेक्षण से जुड़ा है। सीमा विवाद में मिजोरम के तीन जिले आइजोल कोलासिब और ममित शामिल हैं। जो असम के कछार करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।
पीटीआई, आइजोल। मिजोरम और असम लंबित सीमा विवाद के समाधान के लिए शुक्रवार को मंत्रिस्तरीय वार्ता करेंगे। एक अधिकारी ने कहा कि यह बैठक आइजोल में शाम चार बजे एक राजकीय अतिथि गृह में होगी।
उन्होंने कहा कि मिजोरम के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्य के गृह मंत्री के. सपदांगा और असम के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई सीमा सुरक्षा एवं विकास मंत्री अतुल बोरा करेंगे। विगत वर्ष मिजोरम में मुख्यमंत्री लालदुहोमा के नेतृत्व में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की सरकार बनने के बाद से दोनों राज्यों के बीच यह पहली सीमा वार्ता होगी।
यहां से शुरू हुआ विवाद
सीमा विवाद में मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब और ममित शामिल हैं। जो असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। यह विवाद औपनिवेशिक काल के दो परिसीमनों बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर) के तहत 1875 की अधिसूचना और 1933 के भारतीय मानचित्र सर्वेक्षण से जुड़ा है।मिजोरम का दावा है कि 1875 की अधिसूचना के अनुसार, इनर लाइन आरक्षित वन क्षेत्र में 509 वर्ग मील का इलाका उसकी सीमा में आता है, जबकि असम 1933 के नक्शे को अपनी संवैधानिक सीमा मानता है।