असम के जोरहाट जिले में ट्रेन के चपेट में आने से मादा हाथी और उसके बच्चे की मौत, वन अधिकारी ने कहा- करेंगे जांच
जोरहाट के जिला वन अधिकारी बिकेन पेगू ने बताया कि वन विभाग ने रेलवे अधिकारियों को जंगली हाथियों की आवाजाही के बारे में सचेत किया था। उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि क्षेत्र से गुजरते समय ट्रेनों की गति धीमी रखी जाए लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
जोरहाट (असम), एएनआइ। असम के जोरहाट जिले में एक मादा हाथी और उसके बच्चे की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। जोरहाट के खरिकाटिया रेलवे स्टेशन के पास राजधानी एक्सप्रेस की चपेट ये दोनों आ गए थे। जिले के शीर्ष वन अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यह दुर्घटना तब हुई जब हाथियों का एक झुंड रविवार रात रेलवे ट्रैक पार कर रहा था, उन्होंने कहा कि मादा हाथी 22 साल की थी और उसका बच्चा 10 महीने का था।
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रेल अधिकारियों को पहले ही किया गया था सचेत
जोरहाट के जिला वन अधिकारी बिकेन पेगू (Biken Pegu) ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि वन विभाग ने रेलवे अधिकारियों को जंगली हाथियों की आवाजाही के बारे में सचेत किया था। उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि क्षेत्र से गुजरते समय ट्रेनों की गति धीमी रखी जाए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
पेगू ने कहा कि ट्रेन से दुर्घटना में एक मादा हाथी और उसका बच्चा मारा गया। हम जांच करेंगे और कानून के अनुसार इस पर कार्रवाई करेंगे।
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बिजली के तार के संपर्क में आने से गई थी हाथी की जान
वहीं, दूसरी ओर बुधवार को कोकराझार जिले के गोसाईगांव कस्बे के सनफान वन परिक्षेत्र (Sanfan forest range) में बिजली के तार के संपर्क में आने से एक वयस्क जंगली हाथी की मौत हो गई थी। यह घटना तब हुई जब जंगली हाथियों का एक झुंड भोजन की तलाश में वन क्षेत्र से बाहर निकला हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलने के बाद एक टीम मौके पर पहुंची और हाथी की जांच की लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
हाल के सालों में कई हाथियों की गई जान
असम के कामरूप जिले में हाल ही में एक और जंगली हाथी की करंट लगने से मौत हो गई थी। हाल के सालों में गुडलुर और मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में करंट वालों तारों के संपर्क में आने से कम से कम पांच हाथियों की मौत हो गई थी।