भाजपा का मिशन-अंत्योदय: PM Modi ने जीता दलितों-आदिवासियों का मन, तीन राज्यों में आरक्षित सीटों के परिणाम दे रहे ये संकेत
दलितों और आदिवासियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं से भाजपा के चुनावी नींव लगातार मजबूत करते आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के वक्त जिस तरह से प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान ( पीएम जनमन योजना) लांच किया उसने आदिवासियों की बड़ी संख्या वाले मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा का पलड़ा भारी कर दिया ।
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। जातीय जनगणना और विपक्ष के दूसरे दांव भाजपा के मिशन-अंत्योदय के सामने लोकसभा चुनाव की तरह ही तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी बेअसर साबित हुए हैं।
दलितों और आदिवासियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं से भाजपा के चुनावी नींव लगातार मजबूत करते आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के वक्त जिस तरह से प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन योजना) लांच किया, उसने आदिवासियों की बड़ी संख्या वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा का पलड़ा भारी कर दिया। दलितों का भी भरपूर प्यार भाजपा को मिला और 180 आरक्षित सीटों में से 104 सीटों पर खिले कमल ने जीत को प्रचंड बना दिया।
तीन राज्यों में 180 सीटें हैं आरक्षित
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में दलित और आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाता है। इन तीन राज्यों में कुल 180 आरक्षित सीटें हैं, जिनमें अनुसूचित जाति के लिए 79 और अनुसूचित जनजाति के लिए 101 सीटें हैं। 101 सीटों के इस शुभ अंक पर भाजपा और कांग्रेस, दोनों की नजरें थीं। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान इन सीटों को मथा तो भाजपा नेतृत्व पहले से रणनीति पर काम कर रहा था।
पीएम जनमन योजना भी आई भाजपा के काम
जनजाति समुदाय से आने वालीं द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाए जाने के निर्णय को इससे जोड़कर देखा जा सकता है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासियों के पूजनीय भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय पहले ही कर लिया था। इस बार झारखंड के खूंटी में सभा के दौरान जनजातीय गौरव दिवस पर ही प्रधानमंत्री ने पीएम जनमन योजना की घोषणा की थी, जिसे मतदान से ठीक पहले कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई। इस योजना से आदिवासी वर्ग के लिए पक्के आवास, सड़कों का निर्माण, नल से जल, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी योजनाएं चलाया जाना प्रस्तावित है। इसे पीएम सहित पार्टी ने चुनाव के दौरान प्रचारित भी किया।
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2014 के बाद से ही भाजपा ने दलितों पर बढ़ा दिया था फोकस
इसी तरह दलितों पर 2014 के बाद से ही भाजपा ने फोकस बढ़ा दिया था। द्रौपदी मुर्मु से पहले राम नाथ कोविन्द को राष्ट्रपति बनाकर इस वर्ग को संदेश दिया। फिर आवास, शौचलाय, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, जनधान खाते, आयुष्मान भारत योजना, मुफ्त राशन सहित तमाम कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं, जिनके लाभार्थी वर्ग में बड़ी संख्या दलित और आदिवासी वर्ग से आने वाले गरीबों की ही है।
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बदली 2018 की स्थिति और बदल गया परिणाम
मध्य प्रदेश- पीएम मोदी और भाजपा के इन सारे प्रयासों का परिणाम इन तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम पर साफ नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश में 82 सीटें आरक्षित हैं। इनमें एससी की 35 में से 25 पर भाजपा को जीत मिली है, जबकि कांग्रेस को दस पर। एसटी की 47 में से 25 पर भाजपा विजयी रही है और 21 पर कांग्रेस। 2018 के चुनाव में एसटी की 30 सीटों पर कांग्रेस जीती और 16 पर भाजपा, जबकि एससी की 15 पर कांग्रेस और 18 पर भाजपा।
राजस्थान- राजस्थान में 59 सीटें आरक्षित हैं। इनमें एससी की 34 में से 22 भाजपा तो 11 कांग्रेस को मिली हैं। एसटी की 25 में से 12 पर भाजपा और 10 पर कांग्रेस को जीत मिली है। पिछले चुनाव में अनुसूचित जाति की 19 सीटें कांग्रेस जीती थी और भाजपा को सिर्फ 12 मिलीं। वहीं, अनुसूचित जनजाति की 25में से 12 पर कांग्रेस और नौ पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ की कुल 90 में से 39 सीटें आरक्षित श्रेणी में हैं। इस बार एससी की 10 में से छह कांगेस तो चार भाजपा की झोली में गई हैं, लेकिन आदिवासियों ने भाजपा पर भरपूर समर्थन किया है। एसटी की 29 में से 16 पर भाजपा का परचम लहराया है तो 12 पर कांग्रेस रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को एसटी की सिर्फ दो सीटों पर संतोष करना पड़ा था, जबकि 27 कांग्रेस ने जीती थीं। इसी तरह एससी की सात सीटें कांग्रेस की झोली में गई थीं और दो भाजपा के पास रहीं।