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Atiq Ahmed: 'एम्बुलेंस सीधे अस्पताल क्यों नहीं गई', अतीक अहमद हत्या मामले में SC का यूपी सरकार से सवाल

Supreme Court on Atiq Ahmed Case सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि माफिया भाइयों को ले जा रही गाड़ी को सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि उन्होंने इस मामले को देखने के लिए एक आयोग नियुक्त किया है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Fri, 28 Apr 2023 12:59 PM (IST)
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Supreme Court on Atiq Ahmed Case सुप्रीम कोर्ट।
नई दिल्ली, एजेंसी। Supreme Court on Atiq Ahmed Case माफिया अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस की मौजूदगी में हत्या के मामले में दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कई सवाल पूछे।

अस्पताल के सामने गाड़ी रोकने पर सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि माफिया भाइयों को ले जा रही गाड़ी के साथ उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी। कोर्टन ने कहा कि उनको सीधे एम्बुलेंस से अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। कोर्ट के सवाल का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि उन्होंने इस मामले को देखने के लिए एक आयोग नियुक्त किया है।

शीर्ष अदालत अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 2017 से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच की मांग की है।

असद के एनकाउंटर पर भी मांगी गई रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उठाए गए कदमों पर एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने झांसी में अहमद के बेटे असद की पुलिस मुठभेड़ पर भी यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी। असद को 13 अप्रैल को यूपी पुलिस की एक विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) टीम ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था।

अहमद और अशरफ की इसके दो दिन बाद, मीडियाकर्मियों के रूप में आए तीन लोगों द्वारा बहुत करीब से गोली मार दी गई थी। उन्हें पुलिस सुरक्षा के तहत स्वास्थ्य जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था।

हत्या की जांच के लिए समिति पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई

उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस की मौजूदगी में अतीक अहमद की हत्या की जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगा। याचिका में माफिया भाइयों की हत्या की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है।