स्पेस स्पेक्ट्रम की नीलामी से बढ़ेगा डिजिटल डिवाइड, टीआरएआई के बीच विमर्श का दौर जारी
देश में स्पेस स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए या नहीं इस बारे में केंद्र सरकार अभी कोई दो टूक फैसला नहीं कर पाई है। इस बारे में दूरसंचार विभाग और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) के बीच विमर्श का दौर जारी है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 25 May 2023 09:44 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में स्पेस स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए या नहीं इस बारे में केंद्र सरकार अभी कोई दो टूक फैसला नहीं कर पाई है। इस बारे में दूरसंचार विभाग और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) के बीच विमर्श का दौर जारी है।
नीलामी से बढ़ेगा डिजिटल डिवाइड
इस बीच सैटेलाइट टेलीफोनी सेवा से जुड़ी कंपनियों ने संगठन की तरफ से सरकार व दूसरी एजेंसियों के सामने यह स्पष्ट किया गया है कि अगर नीलामी के जरिए इसका आवंटन किया गया तो यह भारत जैसे देश में डिजिटल डिवाइट को खत्म करने के बजाये बढ़ा सकता है।
दूर-दराज के क्षेत्रों में ब्राडबैंड सेवा की पहुंच होगी आसान
इसके पीछे इनका तर्क है कि देश के ग्रामीण व दूर-दराज के क्षेत्रों में ब्राडबैंड सेवा पहुंचाने के लिए सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आधारित मोबाइल व डाटा सेवा ही सबसे मुफीद माना जा रहा है, लेकिन नीलामी होने से इनकी कीमत बढ़ेगी और इसकी लागत फिर कंपनियां आम ग्राहकों से वसूल करेंगी।इंडियन स्पेस एसोसिएशन ने क्या कहा?
इंडियन स्पेस एसोसिएशन के महासचिव ए के भट्ट का कहना है कि दुनिया के किसी भी देश में स्पेस स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं होती है। टीआरएआई की तरफ से जो मशविरा प्रपत्र जारी किया गया है उसमें भी यह कहा गया है कि ब्राजील, मैक्सिको व अमेरिका जैसे देशों ने सैटेलाइट संचार में इस्तेमाल होने वाले स्पेक्ट्रम की नीलामी की कोशिश की थी, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया।